मध्य प्रदेश

फार्मा उद्योग के लिए मध्यप्रदेश आइडियल: फार्मा उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में निवेश के लिए दिए सुझाव

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश के लिए उद्योगों को किया आमंत्रित

भोपाल। हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश कर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में सहभागी बनें। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में ‘‘फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइसेस एंड हेल्थ केयर अपार्चुनिटी इन मध्यप्रदेश’’ सेशन में निवेशकों से यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में देश और प्रदेश ने कोविड महामारी का सफलता से मुकाबला कर सिद्ध किया है कि हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मात्र आठ माह की अवधि में स्वदेशी वैक्सीन को विकसित कर पूरे देश में लगभग 350 करोड़ वैक्सीन की डोज़ लगा कर पूरे देश को कोविड से सुरक्षित किया गया है।

‘‘हील इन आर्ट ऑफ इंडिया’’ पर आगे बढ़ने की पहल करें निवेशक: विश्वास कैलाश सारंग

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के ‘‘हील इन इंडिया’’ की अवधारणा को और आगे बढ़ाते हुए निवेशकों से आग्रह करता हूँ कि वे ‘‘हील इन आर्ट ऑफ इंडिया’’ पर आगे बढ़ने की पहल करें। मध्यप्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर के क्षेत्र में निवेश करें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पीपीपी (पब्लिक-प्रायवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर मेडिकल कॉलेज शुरू करने जा रहा है। सैद्धांतिक रूप से यह तय कर लिया गया है। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज और जहाँ भी मेडिकल कॉलेज की उपयोगिता होगी वहाँ पर मेडिकल कॉलेज शुरू करेंगे। इसके लिए सरकार जमीन सहित अन्य सुविधाएँ देगी। उन्होंने निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में काम हो रहा है। हेल्थ टेक्नोलॉजी में और अधिक काम करने की आवश्यकता है, निवेशक इस ओर ध्यान दें।

मध्यप्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश की विपुल संभावनाएं : डॉ. प्रभूराम चौधरी

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश की विपुल संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में फार्मा उद्योग के लिए दुनिया में भारत को जाना जाता है। फार्मा उद्योग के क्षेत्र में देश में मध्यप्रदेश की विशिष्ट पहचान है। फार्मा उद्योग के क्षेत्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में अनेक कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस सत्र में भाग लेने आए फार्मा उद्योगपतियों ने अपने अनुभवों को शेयर करते हुए बताया है कि भारत फार्मा के क्षेत्र में ‘‘सीकर से प्रोवाइडर’’ (माँग करने वाले से देने वाले) में ट्रांसफार्म हुआ है। फार्मा के लिए कभी हम अन्य देशों पर निर्भर होते थे। आज हम दूसरे देशों को दवाइयाँ, उपकरण आदि का निर्यात कर रहे हैं। हेल्थ केयर सेक्टर में ‘‘सीकर से प्रोवाइडर’’ की सफलता का श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व को है, जिन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर को बढ़ावा दिया। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश करने पर सरकार द्वारा निवेशकों को सभी संभव सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश के निर्यात में हेल्थ केयर सेक्टर के उत्पादों का बहुत बड़ा हिस्सा है। प्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर में विपुल संभावनाएँ हैं।

मध्यप्रदेश में स्थापित हैं 200 से अधिक फार्मा उद्योग इकाइयां

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में 200 से अधिक फार्मा उद्योग इकाइयाँ हैं, इनमें बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर, पीथमपुर, मंडीदीप में फार्मा उद्योग की अनेक इकाइयाँ कार्यरत हैं। मंत्री डॉ. चौधरी ने उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त किया। मंत्री डॉ. चौधरी ने देश और विदेश के निवेशकों से मध्यप्रदेश आकर निवेश करने का आग्रह किया।

एमपी में हेल्थ सेक्टर की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर दिया प्रजेंटेशन

‘‘फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइसेस एंड हेल्थ केयर अपार्चुनिटीज इन मध्यप्रदेश’’ सेशन के प्रारंभ में एसीएस लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान ने मध्यप्रदेश में हेल्थ सेक्टर की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश की निवेशक हितैषी औद्योगिक नीतियों और विशेषकर हेल्थ केयर सेक्टर में निवेशकों के लिए मौजूद संभावनाओं पर भी चर्चा की। चिकित्सा शिक्षा सचिव जॉन किंग्सले ने प्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश करने संबंधी जानकारी दी। सेशन में उपस्थित पेनलिस्ट आईपीसीए लेबोरेटरीज़ लिमिटेड के चेयरमेन पी.सी गोधा ने कहा कि उन्होंने वर्ष 1982 में रतलाम में एक छोटी फार्मा उद्योग इकाई की स्थापना से कार्य शुरू किया था। आज वे एंटी मलेरिया मेडिसिन उत्पादन के क्षेत्र में पूरे विश्व में नंबर एक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की हेल्थ केयर सेक्टर स्थापना के लिए अनुकूल नीतियों, प्रशासन और पब्लिक के सहयोग और प्रदेश में मौजूद उद्योग अनुकूल वातावरण के चलते उनका समूह यह उन्नति प्राप्त कर सका है। अपोलो हॉस्पिटल समूह के हॉस्पिटल डिवीजन के प्रेसीडेंट डॉ. के. हरिप्रसाद ने कहा कि अपोलो हॉस्पिटल इंदौर की स्थापना में सरकार का पूरा सहयोग मिला है। दिल्ली, मुम्बई और अन्य महानगरों से विशेष कर नी रिप्लेसमेंट कराने लोग इंदौर आ रहे हैं। इंदौर और मध्यप्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश की बहुत संभावना है।

उद्योगपतियों ने हेल्थ केयर सेक्टर में मौजूद निवेश की संभावनाओं पर दिए सुझाव

टोरंट फार्मा के एक्ग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हँसमुख पटेल, एएमटीजेड के सीईओ संतोष कुमार, ल्यूपिन लिमिटेड के डायरेक्टर के.आर. गुप्ता, फिलिप्स के हेल्थ केयर इनोवेशन सेंटर के हेड और वाइस प्रेसीडेंट पीयूष कौशिक ने मध्यप्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर में मौजूद निवेश की संभावनाओं पर सुझाव दिए। हरियाणा एफडीए के सेवानिवृत्त ड्रग कंट्रोलर नरेन्द्र आहूजा ने देश और प्रदेश सरकार द्वारा हेल्थ केयर सेक्टर में उद्योग स्थापना के लिए दी जा रही सुविधाओं और प्रावधानों की जानकारी दी। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम पी. खाड़े ने मध्यप्रदेश में हेल्थ केयर सेक्टर पर लघु फिल्म प्रेजेंट की और अतिथियों का आभार माना। सेशन का संचालन हिंदुजा हॉस्पिटल के सीईओ जॉय चक्रवर्ती ने किया।

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