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भगवान राम की प्रतिमा बनाने तेजराम सुतार को दी गई जिम्मेदारी …

महामानव गौतम बुद्ध की मूर्ति की ऊंचाई 208 मीटर, राम की मूर्ति की ऊंचाई होगी 251 मीटर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही अयोध्या में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने की कवायद तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट के गठन के साथ ही प्रतिमा का निर्माण भी शुरू हो गया था। नोएडा के मूर्तिकार राम सुतार, जिन्होंने गुजरात में सरदार पटेल की 183 मीटर ऊंची प्रतिमा डिजाइन की थी, को भगवान राम की मूर्ति के निर्माण का काम सौंपा गया है।

मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके हैं। राम सुतार भगवान राम की मूर्ति के निर्माण में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की मूर्ति के डिजाइन के पारित होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत की है। जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी होनी चाहिए।

जिसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया है कि यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी होगी और वह इसे केवल उत्तर प्रदेश में बनाएंगे, जो कि सबसे विशाल प्रतिमा बन जाएगी। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इसके निर्माण में लगभग साढ़े तीन साल लगेंगे। वहीं उम्मीद की जा रही है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन के बाद मूर्ति निर्माण का काम पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।

बता दें कि नोएडा के सेक्टर-19 में रहने वाले राम सुतार का सेक्टर-63 में एक स्टूडियो है। उन्होंने अब तक 15000 से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं। उन्हें सरकार से पद्म भूषण और पद्म मिल चुका है। राम सुतार ने अपनी टीम के साथ गुजरात की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भी बनाई है।

फिलहाल चीन में गौतम बुद्ध की मूर्ति दुनिया में सबसे ऊंची है। इसकी ऊंचाई 208 मीटर है लेकिन अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति 251 मीटर ऊंची होगी। इसके निर्माण के साथ ही अयोध्या चीन से आगे निकल जाएगा। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। जिसकी कई विशेषताएं होंगी।

इस मूर्ति में 20 मीटर ऊंचा घेरा होगा। प्रतिमा 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। आधार के नीचे एक भव्य संग्रहालय होगा। जहां भगवान विष्णु के सभी अवतारों को तकनीक के माध्यम से दिखाया जाएगा। यहां एक डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी बनाए जाएंगे।

नोएडा के रहने वाले राम सुतार का जन्म 19 फरवरी, 1925 को महाराष्ट्र के धूलिया जिले में हुआ था। राम सुतार ने बहुत ही कम उम्र से मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने मुंबई के सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में पढ़ाई की। वह विशेष रूप से कांस्य, पत्थर और संगमरमर की मूर्ति बनाने में माहिर हैं। राम सुतार ने 1950 के दशक में पुरातत्व विभाग के लिए काम किया और अजंता और एलोरा गुफाओं की कई मूर्तियों को उनके मूल रूप में वापस लाने का काम भी किया।

राम सुतार ने गंगासागर बांध पर चंबल देवी की 45 फुट ऊंची सुंदर प्रतिमा को मध्य प्रदेश और राजस्थान के दो पुत्रों के रूप में उकेरा। महात्मा गांधी प्रतिमा उनकी कलाकृतियों के बारे में सबसे अधिक चर्चा में से एक है और भारत सरकार ने इस प्रतिमा को रूस, ब्रिटेन, मलेशिया, फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, बारबाडोस सहित कई देशों को गांधी शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में उपहार में दिया है।

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