नई दिल्ली

मस्जिद का हटा लाउडस्पीकर, अजान की आवाज से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव की नींद में होती थी खलल …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । प्रयागराज में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव की आपत्ति के बाद उनके घर की तरफ से मस्जिद के लाउडस्पीकर हटा दिये गए हैं। कुलपति ने डीएम को पत्र लिखकर मस्जिद के लाउडस्पीकर से सुबह के समय होने वाली अजान की आवाज से नींद में खलल की बात कहते हुए कार्रवाई के लिए कहा था। वीसी की शिकायत के बाद मस्जिद कमेटी ने लाउडस्पीकर का मुंह घुमाने के साथ ही उसकी आवाज भी कम कर दी है।

क्लाइव रोड स्थित लाल मस्जिद के मुतवल्ली कालीमुर्रहमान ने कहा कि हम लोग एक ही समाज में रहते हैं। कुलपति ने अगर हमसे पहले ही बता दिया होता तो हम आवाज़ कम कर देते। उनको परेशानी न हो इस बात का ख्याल रखा जाएगा। अभी उनके घर की तरफ लगे स्पीकरों की दिशा बदल दी गई है। 50 फीसदी आवाज भी कम कर दी गयी है। अगर किसी को दिक्कत होती है तो उसे और कम कर देंगे। मस्जिद कमिटी ने बताया कि पहले मीनार पर 4 लाउडस्पीकर लगे थे। जिला प्रशासन से अनुमति न होने के कारण 2 स्पीकर पहले ही हटा लिए गए थे। अभी 2 ही स्पीकर लगे थे। वीसी की आपत्ति के बाद दोनों लाउडस्पीकर की आवाज 50 फीसदी घटा दी गई है। अब अजान की आवाज वीसी के घर तक नहीं जाएगी।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर लाउडस्पीकर से होने वाली अजान की आवाज से नींद में खलल की बात करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। कुलपति ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा कि रोज सुबह लगभग साढ़े 5 बजे उनके आवास के समीपवर्ती मस्जिद से लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान से उनकी नींद इस तरह बाधित हो जाती है कि उसके बाद तमाम कोशिश के बाद भी वह सो नहीं पातीं। जिसकी वजह से उन्हें दिनभर सिरदर्द बना रहता है और कामकाज भी प्रभावित होता है।

पत्र में आगे कहा है कि एक पुरानी कहावत, ‘आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है जहां से मेरी नाक शुरू होती है, यहां बिल्कुल सटीक बैठती है। कुलपति ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हैं। वह अपनी अजान लाउडस्पीकर के बगैर कर सकते हैं जिससे दूसरों की दिनचर्या प्रभावित न हो। आगे ईद से पहले सहरी की घोषणा भी सुबह 4 बजे होगी। यह भी उनके और दूसरों की परेशानी की वजह बनेगा।

पत्र में कुलपति ने यह भी कहा है कि भारत के संविधान में सभी वर्ग के लिए पंथनिरपेक्षता और शांतिपूर्ण सौहार्द की परिकल्पना की गई है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश (पीआईएल नंबर- 570 ऑफिस 2020) का हवाला भी दिया है। साथ ही कहा है कि आपकी (जिलाधिकारी) त्वरित कार्रवाई की बड़े स्तर पर सराहना होगी और प्रभावित लोगों को लाउडस्पीकर के तेज आवाज से होने वाली अनिद्रा से निजात व शांति मिलेगी।

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