बिलासपुर। पुराना बस स्टैंड स्थित जमीन को कांग्रेस भवन के लिए आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। भाजपा पार्षदों ने नगर निगम द्वारा पुराना बस स्टैंड स्थित जमीन को जिला कांग्रेस कमेटी को आवंटित करने की खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई थी। पार्षदों का कहना था कि वह जमीन राज्य परिवहन निगम की है। नगर निगम में शामिल होने से पहले राज्य शासन ने उस जमीन को जिला अस्पताल के लिए आवंटित कर दिया था।
नगर निगम ने अपने अधिवक्ता के जरिए जवाब पेश किया। इस पर याचिकाकर्ता को जवाब पेश करने के लिए कोर्ट ने मोहलत दी है।
बिलासपुर नगर निगम ने अपने जवाब में कहा है कि 22 नवंबर 2021 को मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए निर्णय के अनुसार नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने 29 नवंबर 2021 को आदेश जारी किया। इसमें नगर निगम से राजस्व विभाग को आरबीसी -4 के अनुसार भूमि हस्तांतरित करने के निर्देश दिए।
यह भी बताया गया कि प्रशासकीय औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मामला फिर से मंत्रीपरिषद के समक्ष रखा गया था। एक फरवरी 2022 को कैबिनेट की बैठक में लीज प्रीमियम की राशि और वार्षिक किराया तय किया गया। शासन ने अपने जवाब में कहा था कि अस्पताल के लिए जरूरत के अनुसार जमीन दी जा चुकी है। बची जमीन कांग्रेस भवन के लिए दी जा रही है। निगम के जवाब के बाद याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर पेश करना है। इसके लिए कोर्ट ने समय दिया है।
जिला अस्पताल के लिए आवंटित जमीन को पार्टी कार्यालय के लिए देना अनुचित है। आपत्ति जताते हुए पार्षदों ने यह भी कहा था कि इसके पूर्व जिला प्रशासन द्वारा कंग्रेस भवन लिए जमीन का आवंटन कर दिया गया है। एक ही पार्टी के लिए दो जगह कार्यालय भवन के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया दोषपूर्ण है।
पार्षदों ने पुराना बस स्टैंड स्थित बेशकीमती जमीन को कांग्रेस भवन के लिए आवंटन करने की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की थी।