मध्य प्रदेश

किसानों ने दिया धरना, सुबह से देर रात तक बने रहे शिवराज सरकार और किसानों में टकराव के हालात …

नरसिंहपुर. जिला मुख्यालय पर संयुक्त किसान मोर्चा और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले जिले भर के किसानों द्वारा बुधवार को अनिश्चितकालीन विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। किसानों को जनपद मैदान पर धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई और जिला मुख्यालय के सारे रास्ते बंद करके किसानों को आने से रोक दिया गया। फिर भी बड़ी संख्या में अपने ट्रैक्टर लेकर आए किसानों ने सांकल तिगड्डा पर धरना दिया। भूखे-प्यासे किसानों ने यहां भर्ता-बाटी बनाकर अपनी भूख मिटाई।

जानकारी के अनुसार सुबह से शाम तक हंगामा चलता रहा, लेकिन प्रशासन और पुलिस का कोई भी अधिकारी उनसे बात करने नहीं पहुंचा। शाम को किसानों का जत्था आगे बढ़ा तो पुलिस ने बीच रास्ते में अपने वाहन और बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया। इस बीच कई बार प्रदर्शकारियों और किसानों के बीच टकराव के हालात बने। दरअसल, किसानों ने प्रशासन से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जनपद पंचायत मैदान नरसिंहपुर में प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी जो प्रशासन ने नहीं दी। बुधवार सुबह बड़ी संख्या में किसान जनपद मैदान पहुंच गए, लेकिन पुलिस प्रशासन ने वहां उन्हें प्रदर्शन नहीं करने दिया। इतना ही नहीं, किसानों के पीने के लिए मंगाए गए टैंकर भी वापस करा दिए गए। बिजली सप्लाई भी काट दी।

प्रशासन की इस सख्ती के बाद सारे किसान सांकल तिगड्डा पर जमा हुए। यहां उन्होंने प्रशासन और शासन को उनकी उपेक्षा को लेकर जमकर कोसा और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऋषिराज पटेल, देवेंद्र पाठक और लोकेश पटेल ने बताया कि वे किसानों की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन से निराकरण की मांग करते आ रहे हैं। निराकरण न होने पर उन्हें शासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए प्रदर्शन करना पड़ा। मांगों में मक्का का समर्थन मूल्य, बारिश से खराब हुईं फसलों का मुआवजा, गन्ना मिलों से बकाया भुगतान, खाद की उपलब्धता, चना मसूर का बकाया भुगतान सहित अन्य मांगें शामिल हैं।  उन्होंने बताया कि हमने प्रशासन को 15 दिन पहले ज्ञापन सौंपकर किसानों की समस्याओं के निराकरण की मांग की थी। प्रशासन ने निराकरण नहीं किया। हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन से रोका, किसानों का दमन किया। जिला प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी बात करने नहीं आया। भूखे-प्यासे किसान पानी तक के लिए भटकते रहे।

शाम 6.30 बजे तहसीलदार महेंद्र पटेल किसानों से बात करने पहुंचे, पर उन्होंने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए किसानों से कहा कि वे ट्रैक्टर लेकर नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों में और असंतोष बढ़ गया और किसान ट्रैक्टर लेकर जाने की जिद पर अड़ गए, पर उन्हें जाने नहीं दिया। इसके बाद किसान सांकल तिगड्डा पर ही धरने पर बैठ गए।

किसानों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन की मनमानी और अदूरदर्शिता की वजह से आमजन परेशान होते रहे। शहर के मुख्य रास्ते बंद होने से लोग शहर के आंतरिक मार्गों से निकले, जिससे वहां बार-बार जाम लगा और लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, एसडीएम राजेश शाह का कहना है कि किसान मनमानी पर उतारू हैं, बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन ने 15 दिन पहले किसानों से बात की थी, उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए जरूरी प्रयास भी किए जा रहे हैं। किसानों से बात की जाएगी।

Back to top button