मध्य प्रदेश

किसानों का गुस्सा फूटा, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के गृह जिले में पुलिस के साए में बंट रही है खाद, यूरिया लेने को लगी लंबी कतार ….

भोपाल। मध्यप्रदेश में बारिश के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई, किसान परेशान हैं और हताश हो रहे हैं। अब किसानों को नई फसल गेहूं की बोवनी के लिए खाद की समस्या से जूझना पड़ रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में ही खाद के लिए किसानों को इस संकट से जूझता देखा जा सकता है। कई किसान घंटों लाइन में लगने को मजबूर हैं। सीहोर की इछावर तहसील के बोरदी कला सोसायटी में तो बुधवार को सुबह पुलिस के साए में खाद वितरित कराना पड़ा।

बुधवार को भी नाराज किसानों ने बोरदीकला सोसायटी पर हंगामा कर दिया। किसानों ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। जैसे-तैसे पुलिस ने खाद का वितरण कराया। कई किसान खाद के लिए यूरिया विक्रय केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारों में लगे हैं। अपने नंबर की प्रतीक्षा में बाकायदा किसानों ने अपने ऋण पुस्तिका को कतार में रखकर खुद भी ऋण पुस्तिका के पास ही बैठे रहे। इससे पहले, मंगलवार को सीहोर के कृषि उपज मंडी स्थित एमपी एग्रो के वितरण केंद्र पर भी यूरिया नहीं मिला तो हंगामे की स्थिति बन गई। केंद्र प्रभारी को पुलिस बुलाना पड़ी। पुलिस ने किसानों को टोकन पर्ची दी, उसके बाद खाद बंटवाया। उल्लेखनीय है कि एमपी एग्रो की सीहोर शाखा से आसपास के करीब 25 से अधिक गांव जुड़े हैं। मंगलवार को यूरिया खाद पहुंचने की भनक लगी तो बड़ी संख्या में किसान सुबह से ही केंद्र पहुंच गए। 10 बजे तक किसानों की लंबी कतार लग गई। किसानों ने नंबर आने के लिए एक लाइन से ऋण पुस्तिका रख दी और उनके सामने खुद भी बैठ गए। जब काफी देर बाद खाद नहीं मिला तो किसानों का सब्र का बांध टूट पड़ा और नारेबाजी शुरू कर दी। इससे केंद्र पर कुछ देर खाद वितरण काम बीच में ही बंद करना पड़ा। किसानों के नारेबाजी की सूचना मिलते ही मंडी थाने से पुलिस भी पहुंच गई, जिसने स्थिति संभाली।

किसानों ने बताया कि हर साल सीजन में समय पर यूरिया नहीं मिलने से गेहूं फसल की ग्रोथ रूक जाती है, इसलिए अभी से व्यवस्था कर रहे हैं। केंद्र पर खाद लेने आए तो मिल नहीं रहा है, वहीं जितना दे रहे वह पर्याप्त नहीं है। पुलिस ने किसानों को समझाइश दी तब कही जाकर गुस्सा शांत हुआ। पुलिस ने सभी को टोकन देकर लाइन में खड़ा कराकर खाद वितरण कराया। हालांकि, लाइन में लगने के बावजूद कई किसानों को खाद नहीं मिलने से दिनभर भूखे प्यासे रहने के कबावजूद खाली लौटना पड़ा। इधर, कृषि विभाग की माने तो जिले में सात हजार मीट्रिक टन यूरिया, 6500 टन डीएपी खाद उपलब्ध है।

एमपी एग्रो लिमिटेड सीहोर के जिला प्रबंधक एससी पाटीदार का इस संबंध में कहना है कि अभी यूरिया खाद की जरूरत नहीं है, फिर भी किसान अभी से ही ले जाकर रख रहे हैं। मंडी स्थित एमपी एग्रो की शाखा में काफी संख्या में किसान पहुंच गए थे, जिससे भीड़ की स्थिति बनी थी। बाद में पुलिस की मौजूदगी में टोकन देकर खाद का वितरण कराया गया।

Back to top button