Uncategorized

विवेकानंद के आदर्शों का पालन करेंगे तभी देश सुदृढ़ होगा: डा. प्रीति प्रवीण

भोपाल। महिला काव्य मंच भोपाल इकाई की मासिक गोष्ठी रविवार को ऑनलाइन ज़ूम ऐप पर सफ़लता पूर्वक सम्पन्न हुई । काव्य पाठ के लिए देश भक्ति , संक्रांति और स्वामी विवेकानंद विषय दिए गए थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ.ज्योत्सना सिंह रजावत ने कहा कि पर्व हमारी संस्कृति के परिचायक हैं, इसमें जब हम कलमकार देशभक्ति को समाहित कर लेते हैं तो महसूस होता है कि बहुत हद तक साहित्यिक धर्म पूरा हो रहा है। सारस्वत अतिथि डॉ.प्रीति प्रवीण खरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि पर्व या उत्सव मनाते हुए हमें अपने देश को सम्बल देना है, सुदृढ़ बनाना है तो ज़रूरी है कि हम सभी विवेकानन्द के आदर्शों का पालन करें। संचालन और स्वागत वक्तव्य नीति श्रीवास्तव ने बहुत रोचक ढंग से करते हुए सब प्रतिभागियों को मुक्त कंठ से प्रशंसा करने को मजबूर कर दिया। सरस्वती वंदना रूपाली सक्सेना ने मधुर स्वर में प्रस्तुत की। ततपश्चात हुए काव्य पाठ में शिल्पी सिंह ने जन जन में जोश जगाया, मधुलिका सक्सेना ने संक्रांति का शुभ दिन आया, नमिता सेन गुप्ता ने युगपुरुष विवेकानंद यह नाम हृदय को देता आनन्द, अंजू सिंह बघेल ने अपनी सेवा में मुझको भी ले लो वतन, शेफालिका श्रीवास्तव ने नमन करें हम भरतभूमि को, सुधा दुबे ने भारत को वंदन कर लो, ये मिट्टी चंदन कर लो, श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया ने आई-आई मकर संक्रांति आई, मंजुलता श्रोती ने लहरे तिरंगा प्यारा, देश का दुलारा, नविता जौहरी ने भारत की माटी है उर्वर, सविता बांगड़ ने मेरे देश बता कैसे मैं तुझसे प्यार करूं, साधना श्रीवास्तव ने धरती मां के बेटे हैं धरती पर स्वर्ग बनाएंगे, नीति श्रीवास्तव ने सफलता के गगन छूकर धरा पर लौट आएंगे, डा. ज्योत्सना सिंह ने गुड़ ने तिली को लपेटा बांध के चाशनी का फेंटा, डा. प्रीति प्रवीण खरे ने हम धरती मां की बेटी हैं, धरती को स्वर्ग बनाएंगे पढ़कर अद्भुत समां बांध दिया। कार्यक्रम का सफ़ल अंत सविता बांगड़ के आभार प्रदर्शन से हुआ।

Back to top button