छत्तीसगढ़

वनांचल ग्राम सिल्ली में शिक्षा की जोत जगा रही हैं ममता

पहला कर्तव्य है हमारा, सभी बच्चों को शिक्षित है बनाना
कोरबा। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में बच्चों की शिक्षा जारी रखना एक चुनौती बना रहा। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ से जुड़े शिक्षाविदों के अथक प्रयासों की देन है कि शिक्षा दान के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पढ़ाई” तुहर दुआर” तैयार की गई। जो एक मिसाल है।
इस महामारी काल की समस्या को एक अवसर के रूप में परिवर्तित किया शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिल्ली की व्याख्याता श्रीमती ममता सिंह राजपूत ने इन्होंने ऑनलाइन क्लास लेना प्रारंभ किया तथा छात्रों को अध्ययन अध्यापन से जोड़ा।
ऑनलाईन क्लास के लिए इन्होंने घर-घर जाकर साप्ताहिक शिविर लगाकर बच्चों को प्रेरित किया और बच्चों को “पढ़ाई तूहर द्वार” कार्यक्रम से जोड़ा। अब तक इन्होंने 200 से अधिक ऑनलाइन क्लास ली है जिसमें पाठ्यक्रम पूर्णता की ओर है इनकी कक्षा में प्रदेश के विभिन्न जिलों के विद्यार्थी भी जुड़ते हैं अब तक 4000 से अधिक विद्यार्थी क्लास में जुड़ चुके हैं!
इसी कड़ी में वे विद्यार्थी जो नेटवर्क विहीन स्थानों पर रह रहे हैं या जिनके पास कक्षा के समय मोबाइल उपलब्ध नहीं हो पाता ऐसे विद्यार्थियों के लिए पाठ्यवस्तु का वीडियो बनाना प्रारंभ किया। कक्षा 12वीं (रसायन) के विद्यार्थियों के लिए 80% पाठ्यवस्तु का नोट्स तैयार कर विद्यार्थियों तक पीडीएफ के माध्यम से पहुंचाया ताकि बोर्ड की परीक्षा सफलता से दे सके। कोविड-19 के सभी मानकों का पालन करते हुए समय-समय पर ऑफलाइन क्लास भी इनके द्वारा लिया जाता है इनके सभी कार्यों का अवलोकन संस्था की प्राचार्य डॉ ज्योति शुक्ला द्वारा किया जाता है।
श्रीमती ममता सिंह राजपूत की आगे की योजना है अपने सभी विषयों के पाठ्यक्रम की पुनरावृति कराना तथा पाठ्यवस्तु को वीडियो तथा नोट्स के माध्यम से विद्यार्थियों को पहुंचाना। श्रीमती ममता सिंह राजपूत ने अपने वरिष्ठ शिक्षक साथियों और प्राचार्य डॉ ज्योति शुक्ला के कुशल शैक्षणिक मार्गदर्शन से अपने अध्ययन अध्यापन कार्य जारी रखते हुए बच्चों को लाभान्वित कर रही हैं।

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