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पेपर लीक का राजनीतिक कनेक्शन खंगाल रही एसटीएफ, जांच के घेरे में आए 50 नए सफेदपोश; 83 लाख रिकवर …

देहरादून। सेवा चयन आयोग की भर्ती में लीक पेपर से पास होने वाले उत्तराखंड के 50 से ज्यादा युवाओं को एसटीएफ ने चिह्नित किया है। मुकदमे की चार्जशीट में 100 से ज्यादा आरोपी बनाए जा सकते हैं। कई नेताओं के भी शामिल होने की चर्चा है। उनके खिलाफ कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में अब तक की कार्रवाई साझा की।

उन्होंने बताया कि एसटीएफ जांच में पेपर लीक करने वालों के साथ पेपर खरीदकर परीक्षा देने वालों की अलग-अलग जांच कर रही है। बीते साल चार और पांच दिसंबर को हुई भर्ती परीक्षा में 1.60 लाख युवा शामिल हुए, जिनमें से 916 चयनित हुए। इस पूरे मामले में 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद से अब तक पांच सरकारी कर्मचारियों के साथ कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में पेपर तैयार कराने वाली आउटसोर्स कंपनी के दो कर्मचारी भी शामिल हैं।

उत्तराखंड से विदेश गए एक जिला पंचायत सदस्य का नाम भी घपले से जुड़ रहा है। बीते दिनों उसने वीडियो संदेश के जरिए जल्द लौटकर जांच में सहयोग की बात कही थी। वह अब तक लौटा या नहीं, एसटीएफ के पास इसकी जानकारी नहीं है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि उसका संपर्क नंबर नहीं मिल रहा।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ‘अभी इस मामले में जांच जारी है और बहुत सी गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं। संभावना है कि सैकड़ों छात्रों ने पेपर में नकल की। इनमें से अब तक 50 की पहचान की जा चुकी है। इन सबकी परीक्षा रद्द कराने के लिए आयोग को लिखा जाएगा। इसके बाद इन सबको इस मुकदमे में आरोपी बनाया जाएगा।’

इस पूरे मामले की जांच में एसटीएफ के 20 से अधिक अफसर और कर्मचारी लगे हुए हैं। डीजीपी ने बताया, इन सभी अफसरों और कर्मचारियों को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। सीएम पुष्कर धामी को डीजीपी इस प्रकरण में संस्तुति करके पत्र भेज चुके हैं।

डीजीपी ने राजनीतिक लोगों की मिलीभगत की भी संभावना जताई। उन्होंने बताया कि सीएम ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। किसी भी स्तर के नेता या अफसर को बख्शा नहीं जाएगा। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके बारे में साक्ष्य मजबूत किए जा रहे हैं। इसके बाद गिरफ्तारी की जाएगी।

भर्ती परीक्षा पेपर लीक में गिरफ्तार सचिवालय में तैनात अपर निजी सचिव गौरव चौहान के चयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। युवाओं ने गत वर्ष हुई अपर निजी सेवा परीक्षा (उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन) में गौरव चौहान की तीसरी रैंक होने का दावा किया है। युवाओं ने सोशल मीडिया पर इस रिजल्ट की कॉपी जारी करते हुए कहा है कि गौरव चौहान का सरकारी सेवा में चयन भी संदेह के घेरे में है। इधर, डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि यदि शिकायत आती है तो जांच के बाद इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठने के बाद पुलिस भर्ती की प्रक्रिया फिलहाल लटक गई है। डीजीपी ने जानकारी दी कि शारीरिक दक्षता परीक्षा कराई जा चुकी है। आगे लिखित परीक्षा होनी है। इसके अलावा दरोगाओं की भर्ती होनी है। चयन आयोग ही इन परीक्षाओं को कराएगा। उन्होंने कहा कि आयोग को पत्र लिखकर पुलिस भर्ती की प्रक्रिया तेजी से पूरी कराने को कहा गया है।

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि पेपर लीक करते वक्त 15-15 लाख में डील की गई। इनमें से आरोपियों के पास से कुल 83 लाख रुपये बरामद हुए। इसके अलावा आरोपियों की 40-50 लाख रुपये की संपत्तियों का भी पता चला है, जिन्हें इस मुकदमे में शामिल किया गया है।

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