मध्य प्रदेश

आयुर्विज्ञान विवि व्यापम जैसे घोटाले की आशंका:  चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा बनाई गई जांच समिति रिपोर्ट के बाद नई कमेटी से जांच कराने के आदेश…

भोपाल। जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय पर लगे गंभीर आरोपों की जांच अब एक आईटी एक्सपर्ट का पैनल करेगा। विश्वविद्यालय पिछले कई महीनों से लगातार विवादों से घिरा हुआ है। आरोप है कि परीक्षा परिणाम बनाने वाली माइंड लॉजिक्स कंपनी और यूनिवर्सिटी के अफसरों ने मिलकर ऐसे स्टूडेंट्स को पास कर दिया जो परीक्षा में बैठे ही नहीं थे।

विश्वविद्यालय के नए कुलसचिव डॉ प्रभात बुधौलिया का कहना है मेडिकल यूनिवर्सिटी पर लगे तमाम आरोपों की जांच गंभीरता से कराई जाएगी। इसके लिए बकायदा एक आईटी एक्सपर्ट्स का पैनल बनाया जाएगा। ये पैनल इस मामले की बारीकी से जांच करेगा। कुलसचिव को पूरा भरोसा है कि इस पैनल की जांच से न केवल शासन बल्कि मीडिया और छात्र भी संतुष्ट होंगे।

डॉ बुधौलिया का कहना है अब विश्वविद्यालय में वैसे हालात नहीं रहेंगे जो अब तक बने थे। धीरे-धीरे तमाम हालातों को सुधारा जाएगा। हालांकि, मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रही धांधली का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। लिहाजा कुलसचिव इस मामले में खुलकर कुछ नहीं बोले। लेकिन, इतना साफ कर दिया कि इस मामले की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ कराई जाएगी।

मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय पिछले कई महीनों से लगातार विवादों से घिरा हुआ है। विश्वविद्यालय पर आरोप लगाए गए कि रिजल्ट बनाने वाली माइंड लॉजिक्स कंपनी के अधिकारियों और मेडिकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक समेत कुलसचिव और कुछ अधिकारियों ने मिलकर एक ऐसे घोटाले को अंजाम दिया। इससे मेडिकल में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया। आरोप लगाए गए कि परीक्षा नियंत्रक और माइंड लॉजिक्स कंपनी ने मिलकर ऐसे छात्रों को भी पास कर दिया जो परीक्षा में शामिल हुए ही नहीं थे।

इन आरोपों के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी में लगातार हंगामा होता रहा। इस बीच चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने एक जांच कमेटी भी बनाई और इस कमेटी की रिपोर्ट ने भी इस बात की आशंका जताई कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में कुछ न कुछ तो गड़बड़ जरूर हुआ है। हालांकि, इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक समेत कुलसचिव को हटा दिया गया। हाल ही में मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भी राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। फिलहाल, नए कुलसचिव डॉ. प्रभात बुधौलिया की नियुक्ति की गई है। देखना होगा कि आगे चलकर मध्य प्रदेश के डॉक्टरों का भविष्य तय करने वाला आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय कहीं व्यापम जैसे घोटालों के कारण बदनाम न हो जाए।

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