मध्य प्रदेश

कुपोषण की शिकार सुरंगी गांव की सात वर्षीय मासूम सोमवती की मौत, सीएम ने भी बच्ची की देखभाल के दिए थे निर्देश

भोपाल। अतिकुपोषण का शिकार सतना जिले के सुरंगी गांव की सात वर्षीय मासूम सोमवती आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई और वह अब नहीं रही। गौरतलब है कि सोमवती की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जिला कलेक्टर सहित प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को निर्देश दिए थे। इसके बावजूद अफसरों ने सीएम के निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद बीमारी के चलते सोमवती का निधन हो गया।

सतना जिले में कुपोषण का कलंक मिटने का नाम नही ले रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद अधिकारियों के दावे की पोल खुल गई है। कुपोषण को लेकर मझगवां विकास खण्ड में हालात नहीं सुधरे हैं। इससे पहले स्थिति को सुधारने के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने तत्कालीन सीडीपीओ को निलंबित कर जिला मुख्यालय से सहायक संचालक राजेन्द्र बांगरे को सीडीपीओ बनाकर भेजा था, लेकिन राजेन्द्र बांगरे क्षेत्र में एक भी दिन नहीं गए, बल्कि सतना में अपने चैंबर में ही दिन गुजारते रहे, जिसके चलते स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। बताया जा रहा है कि मौके पर न रहने से राजेन्द्र बांगरे की विभाग पर पकड़ नहीं है। आलम यह है कि उन्हें अमले की सुपरवाइजर भी नहीं जानती हैं। इतना ही नहीं कलेक्टर सतना ने भी मझगवां के 80 ग्रामों को कुपोषण मुक्त करने के लिए खासतौर पर प्रोजेक्ट बचपन चलाया हुआ है।

लेकिन बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट को लेकर कलेक्टर आज तक केवल एक बैठक ही मझगवां में ले पाये हंै। इसके बाद कोई गतिविधि प्रशासन की ओर से संचालित नहीं की गई। जिससे कुपोषण को लेकर हालात जस के तस बने रहे। इस तरह अति कुपोषण का शिकार  हालात दिन ब दिन खराब होने के बाद आखिरकार सोमवती डीप कोमा में चली गई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने उसे बचाने हर संभव प्रयास किए, वेंटिलेटर में भी रख कर जान बचाने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी और आखिरकार सोमवती बीमारी से जिंदगी की जंग हार गई।

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