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मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ की सीनीयर नेताओं ने सोनिया गांधी से की शिकायत, मच सकती है कलह …

भोपाल। सूबे में कांग्रेस के अंदर बढ़ रही आंतरिक कलह को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर शिकायत की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कमलनाथ को लेकर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। बुधवार को मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उनसे करीब 40 मिनट तक बातचीत की। इसके अलावा एक वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह ने भी सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है।

सोनिया गांधी और अरुण यादव की मुलाकात को लेकर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अरुण यादव, अजय सिंह, रामनिवास रावत, सुरेश पचौरी और अन्य सहित वरिष्ठ नेता पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। एमपीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ लगातार पार्टी के सीनियर नेताओं की अनदेखी कर रहे हैं। सूबे के सीनियर नेता आलाकमान को बताना चाहते थे कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है और ऐसे हालात में कांग्रेस के लिए 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।’ यह झगड़ा हाल ही में तब सामने आया जब कांग्रेस के कई बड़े नेता ‘घर चलो, घर घर चलो’ कैंपेन से संबंधित मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे। कुछ ऐसा ही तब देखने को मिला जब अरुण यादव ने 20 मार्च को होली मिलन समारोह रखा, लेकिन उसमें कमलनाथ और उनके कई करीबी नेता इसमें शामिल नहीं हुए।

हालांकि प्रदेश कांग्रेस ने कुछ नेता इस आंतरिक कलह को सार्वजनिक नहीं करना चाहते। इसे लेकर मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा, ‘अरुण यादव द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम कुछ चुनिंदा लोगों के लिए था और कमलनाथ जी शहर से बाहर होने के कारण इसमें शामिल नहीं हुए थे।’ इस कार्यक्रम के बाद यादव ने सोनिया गांधी से समय मांगा और उनसे मुलाकात की।

पार्टी नेताओं के मुताबिक, यादव इस बात से आहत हैं कि उन्हें पार्टी की अंदरूनी राजनीति के कारण खंडवा लोकसभा सीट उपचुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया। उपचुनाव के दौरान यादव के करीबी माने जाने वाले खरगोन से कांग्रेस विधायक सचिन बिड़ला कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कमलनाथ पर ‘निरंकुश’ व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इस उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कमलनाथ ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए खंडवा और खरगोन में चार नेताओं को उनके पद से हटा दिया था। ये चारों यादव के भी करीबी थे।

यादव के करीबी एक पार्टी नेता ने कहा, ‘सोनिया गांधी के साथ बैठक में कमलनाथ के व्यवहार के साथ ही पार्टी में चल रही आंतरिक राजनीति पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी ओर जब इस बारे में यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के साथ बैठक में बस सामान्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

दूसरी ओर इस अंतर्कलह को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘कमलनाथ लगातार अरुण यादव की अनदेखी कर रहे हैं। यादव ने अपनी शिकायत सोनिया गांधी से कर दी है। अब कमलनाथ को अरुण यादव की ओर से बड़ी चुनौती मिलेगी।’ हालांकि, एमपी कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘पार्टी में कोई अंदरूनी कलह नहीं है। अरुण यादव आम चर्चा करने के लिए सोनिया गांधी से मिले थे।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता अपनी पार्टी की समस्याओं को छिपाने के लिए झूठ फैला रहे हैं। सलूजा ने दावा किया कि गृह मंत्री खुद मुख्यमंत्री के पद के लिए शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें कर रहे हैं।

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