मध्य प्रदेश

प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने ली बैठक : बोले- बिजली उपभोक्ता संतुष्टि के लिए आईटी का अधिकतम उपयोग करें

भोपाल। उपभोक्ताओं को सप्लाय अच्छी मिले और त्रुटिरहित बिलिंग के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का अधिकतम उपयोग करें। इससे कंपनी के कार्यों मे आसानी होगी, साथ ही बिजली उपभोक्ता की संतुष्टि और सकारात्मकता में भी बढ़ोत्तरी होगी। प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने यह बात मप्रपक्षेविविकं के मुख्यालय में बिजली अधिकारियों की मीटिंग में कही।

श्री दुबे ने कहा कि शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन और उपभोक्ता सेवाओं पर फोकस रखा जाना चाहिए। मेंटेनेंस के कार्यों का भी पोर्टल पर उसी समय लेखा-जोखा फोटो सहित दर्ज हो, ताकि केंद्रीयकृत जानकारी रखी जा सके। श्री दुबे ने कहा कि जोन एवं वितरण केंद्रों पर कम्प्यूटर, प्रिंटर तथा अन्य कार्यालयीन उपयोग की सामग्री की समीक्षा करें। उन्होंने ऑन लाइन, कैशलेस बिजली भुगतान को और बढ़ाने के भी निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने ऊर्जस पोर्टल, ऊर्जस एप से संबंधित कार्य तथा सेवाओं को और प्रभावी बनाने, साथ ही साथ बड़े गाँवों में शहरों की तरह शत-प्रतिशत मीटरीकरण योजनाबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए। श्री दुबे ने कहा कि कम्प्यूटर और आईटी का जमाना है, मेन्यूअल कार्य कम होना चाहिए, विशेषकर बिलिंग में पीएमआर गुणवत्ता के साथ हो, उन्होंने त्रुटिरहित और आकलित खपत वाले बिलों पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा। मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए की गई विशेष व्यवस्थाओं के साथ ही आपूर्ति गुणवत्ता के साथ होने, मेंटेनेंस, राजमार्ग से लगे गाँवों में पहले चरण में मीटरीकरण, आईटी क्षेत्र में हो रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

बिजली चोरी करने पर रघुवीर अहिरवार को 6 माह का सश्रम कारावास

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल संचारण संधारण संभाग के ग्राम पुरा छिंदवाड़ा निवासी रघुवीर अहिरवार पिता गिरधारीलाल अहिरवार द्वारा एलटी लाइन से सीधे तार डालकर चोरी की बिजली से अपने खेत में सिंचाई करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर जिला न्यायालय ने 6 माह सश्रम कारावास एवं सिविल दायित्व 40 हजार 829 रूपये जमा करने की सजा सुनाई। गौरतलब है कि विद्युत कंपनी के तत्कालीन महाप्रबंधक (सतर्कता) आशीष भट्नागर द्वारा 28 नवंबर 2020 को चेकिंग के दौरान आरोपी रघुवीर अहिरवार को एलटी लाइन से सीधे तार जोड़कर चोरी की बिजली से साढ़े सात एचपी मोटर चलाकर तालाब से अपने खेत में सिंचाई करते पाए जाने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 (1) (ए) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण में जिला न्यायालय द्वारा रघुवीर अहिरवार पिता गिरधारीलाल अहिरवार का अपराध प्रमाणित मानते हुए 6 माह के सश्रम कारावास एवं 40 हजार 829 रूपये सिविल दायित्व के रूप में दो माह के भीतर कंपनी में जमा करने की सजा से दण्डित किया गया। न्यायालय के आदेशानुसार आरोपी द्वारा सिविल दायित्व की राशि निर्धारित समयावधि में जमा नहीं करने पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज अतिरिक्त रूप से भुगतान करना होगा।

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