छत्तीसगढ़बिलासपुर

कोरोना संक्रमित शवों का लिंगियाडीह शमशान घाट में अंतिम संस्कार करने का विरोध, कलेक्टर ने कहा- ध्यान देंगे

बिलासपुर। बीते कुछ दिनों से बिलासपुर में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की मृत्यु होने पर, उनका अंतिम संस्कार लगातार लिंगीयाडीह के श्मशान घाट में करने का वहां के ग्रामीण जमकर विरोध कर रहे हैं। डेढ दो सौ से भी अधिक संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने कुछ देर पूर्व वहां अंतिम संस्कार के लिए तीन संक्रमित शव लेकर पहुंचे कर्मचारियों अधिकारियों का का रास्ता रोक दिया और उन्हें मरघट तक नहीं जाने दिया। बड़ी संख्या में गांव के ग्रामीण संक्रमित मृतकों का अपने गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किए जाने के विरोध में लामबंद हो गए। इसके कारण वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसकी सूचना पाकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी वहां पहुंचे और उन्होंने पहले ग्रामीणों से और फिर शव लेकर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों से बात की।

ग्रामीणों का कहना था कि एक के बाद एक लगातार जिस तरह उनके गांव के श्मशान घाट में ही, कोरना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाने लगा है। उससे पूरा गांव संक्रमण की चपेट में आ सकता है। ग्रामीण किसी भी स्थिति में आज वहां ले जाई गई 3 लाशो का दाह संस्कार करने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि प्रशासन ने एक तरह से लिंगियाडीह के श्मशान घाट को ही कोविड संक्रमित लाशों के दाह संस्कार का केंद्र बना दिया है।ऐसा करने से इस श्मशान घाट के आसपास झोपड़पट्टी में रहने वाले सैकड़ों गरीबों के बच्चे और उनका परिवार संक्रमित हो सकता है। उन्होंने इस बात का जमकर विरोध किया कि लगातार संक्रमित लाशें इसी श्मशान घाट में जलाई जा रही हैं।

3 लाशों को श्मशान घाट ले जाने के लिए पहुंचे अधिकारियों का रास्ता रोकने वाले ग्रामीण किसी भी स्थिति में नहीं मान रहे थे। तब विजय केशरवानी ने लोगों से बात की और उन्हें किसी तरह आज लाई गई लाशों के अंतिम संस्कार के लिए राजी किया। उसके बाद उन्होंने वहां मौजूद एडिशनल एसपी उमेश कश्यप, डीएसपी निमिषा पांडे, नायब तहसीलदार गृभेल सहित जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के अधिकारियों से चर्चा की।

अधिकारियों से चर्चा करने के बाद केसरवानी ने मोबाइल से कलेक्टर से बात कर कहा कि किसी एक ही शमसान घाट में सारे संक्रमित शवों को जलाने से संक्रमण सहित कई तरह की परेशानियां वहां हो सकती हैं। इसलिए बिलासपुर में संक्रमित मृतक शहर के निगम क्षेत्र के जिस जोन का हो। उसी जोन के श्मशान घाट में उसके दाह संस्कार की व्यवस्था की जानी चाहिए। केशरवानी के मुताबिक कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने उनके सुझाव को गंभीरता से लिया और कहा कि उनके सुझाव पर प्रशासन गंभीरता से विचार करेगा।

आज लिंगियाडीह में संक्रमित शवों अंतिम संस्कार के दौरान नगर निगम का कोई भी अधिकारी कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था। बात केवल आज की ही नहीं है। इसके पूर्व भी कोरोना से संक्रमित शवों के दाह संस्कार के दौरान निगम कर्मचारी-अधिकारी श्मशान घाट में मौजूद नहीं रहते।

 

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