मध्य प्रदेश

रंगपंचमी पर्व के दिन पत्नी और 3 मासूम बच्चियों का गला घोंटकर खुद भी लगा ली फांसी, पूरे गांव में मातम

एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, घर के अंदर मिले सभी के शव, बीमारी और आर्थिक तंगी से त्रस्त होकर किराना व्यापारी ने उठाया दिल दहलाने वाला कदम

भोपाल/बुरहानपुर। रंगपंचमी पर जहां पूरा प्रदेश रंगों का त्योहार मना रहा है, इसी बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 300 किलोमीटर दूर बुरहानपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। वहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और 3 मासूम बच्चियों की गला घोंटकर हत्या करने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना ने प्रदेश को सन्न कर दिया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

मामला बुरहानपुर जिले की नेपानगर तहसील का है। यहां ग्राम डवाली में किराना दुकान चलाने वाले मनोज गजरे (35 वर्ष) सहित परिवार के पांच सदस्यों के शव उसके घर पर पाए गए हैं। मनोज का शव फंदे से लटक रहा था, जबकि पत्नी साधना (32 वर्ष), बड़ी बेटी अप्सरा (10 वर्ष), नेहा (8 वर्ष) और तनु (5 वर्ष) के शव दो कमरों में फर्श पर पड़े पाए गए हैं।  बताया जा रहा है कि गंभीर बीमारी और आर्थिक स्थिति दयनीय होने के चलते परिवार के मुखिया ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे एकसाथ पूरा परिवार समाप्त हो गया। रविवार सुबह एक पड़ोसी दूध लेने के लिए उनकी दुकान पर आया। दुकान बंद थी। पड़ोसी ने गेट खटखटाया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद पड़ोसी ने आवाज भी लगाई। इस दौरान एक-दो और ग्राहक आ गए। उन्होंने भी आ‌वाज लगाई। लेकिन अंदर से किसी ने बोला नहीं। कुछ लोगों ने दुकानदार के मोबाइल पर कॉल भी किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। इतने देर में आसपास के कुछ और लोग इकट्ठे हो गए। इकट्ठे लोग उसके घर की खिड़की को तोड़कर अंदर पहुंचे। लेकि, अंदर का दृश्य देखकर सभी हैरान रह गए। जिसके बाद लोगों ने नेपानगर थाने को सूचना दी। जानकारी मिलते ही नेपानगर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शव अपने कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा।

पुलिस की प्रारंभिक जानकारी के अनुसार परिवार के मुखिया मनोज ने पहले पत्नी और बच्चों का गला घोंटकर उन्हें मौत के घाट उतारा, इसके बाद खुद भी फांसी पर लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। बताया जा रहा है कि युवक घर के पास ही किराने की दुकान चलाता था। कुछ लोगों का कहना है वह बीमारी और आर्थिक समस्या से परेशान था। बहरहाल, इस मामले में पुलिस जांच में जुट गई है। हत्या और आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इस मामले की खबर आते ही गांव में पूरी तरह से मातम छाया हुआ है, क्योंकि रंग पंचमी का त्यौहार था और लोग रंग-गुलाल और डीजे की धुन पर नाच-गा रहे थे, खुशियां मना रहे थे, लेकिन यह घटना सामने आते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसरा गया।

हाथ पर लिखे शब्द ‘साधना-मनोज पवित्र हैं’ को लेकर भी की जा रही जांच : एसपी

बुरहानपुर एसपी राहुल लोढ़ा ने पड़ोसियों के हवाले से बताया कि मनोज बीते करीब डेढ़ साल से मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं था। उसे दौरे भी पड़ते थे। जिसका इलाज चल रहा था, लेकिन मृतक मनोज के बाएं हाथ पर पेन से लिखे पाए गए शब्द खटक रहे हैं। उसके हाथ पर लिखा था साथ जिएंगे साथ मरेंगे। साधना-मनोज पवित्र हैं। ये शब्द किसी व्यक्ति द्वारा लांछन लगाने की ओर इशारा कर रहे हैं। संभवत: इसी ग्लानि के चलते उसने खुद के साथ पूरे परिवार को समाप्त कर दिया। पुलिस इस एंगल से भी छानबीन कर रही है। इसके अलावा आसपास के लोगों का कहना है कि डेढ़ साल से बेटियां बीमार चल रही थीं। आर्थिक तंगी के कारण उनका इलाज नहीं करा पा रहा था। जिससे आए दिन घर में कलह होती थी। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही सही कारण पता लग सकेगा।

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