मध्य प्रदेश

विदेशी मेहमानों ने चूल्हे पर बनी ज्वार-मक्का की रोटी सहित 10 से ज्यादा देशी पकवानों का लुत्फ उठाया

जी-20 डेलिगेट्स सहित 300 लोगों के लिए बनाए गए थे 33 व्यंजन

भोपाल। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में चल रही जी 20 की ‘थिंक-20’ की दो दिवसीय विमर्श बैठक के पहले दिन 20 देशों से आए मेहमानों ने 10 से ज्यादा देशी व्यंजनों सहित 33 से ज्यादा पकवानों का लुत्फ उठाया। यहां पारंपरिक साड़ी पहने महिलाओं ने ‘मां की रसोई’ नाम से स्टाल लगाया है। यहां भोजन के लिए पहुंचे मेहमानों का भारतीय परंपरा अनुसार पहले तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात उन्हें भोजन परोसा गया। इस अवसर पर कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश के कलाकारों की कला और संस्कृति से परिचय कराने के लिए एक आकर्षक कला और शिल्प प्रदर्शनी भी लगाई गई है।

यूएसए, इंडोनेशिया, यूके, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका सहित 20 देशों से आए प्रतिनिधियों ने चूल्हे पर बनी मक्का और ज्वार की रोटियों सहित 10 से ज्यादा देसी व्यंजनों का स्वाद चखा। पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला के मुताबिक ट्राइबल म्यूजियम में एमपीटी ने रात का भोजन तैयार कराया। इसमें डेलिगेट्स समेत 300 लोगों को देसी व्यंजन सहित 33 पकवान परोसे गए।

विशेष तौर पर परोसे यह व्यंजन

प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि विदेशी मेहमानों ने मिट्‌टी के चूल्हे पर बनी मक्का और ज्वार की रोटियों का स्वाद चखा। पारंपरिक साड़ी पहने महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर 3 चूल्हे पर ज्वार और मक्का की गरम-गरम रोटियां सेंकी गईं। ​​​​यहां ​​ज्वार और मक्का की रोटी के अलावा बाजरा की रोटी, जलेबी और रबड़ी, बाजरे की खिचड़ी, साबुदाना पापड़, दाल महाराजा, हरे चना का निमोना, लच्छा पराठा, आलू-चना चाट जैसे देशी पकवान बनाए गए थे।

कला और शिल्प प्रदर्शनी से जानी मप्र की संस्कृति

देश-विदेश से आए डेलिगेट्स को मध्यप्रदेश के कलाकारों की कला और संस्कृति से परिचय कराने के लिए रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन के तहत कन्वेंशन सेंटर में कला और शिल्प प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी में बुधनी की लकड़ी के खिलौने, महेश्वरी साड़ी, बैतूल का मेटल क्राफ्ट, उज्जैन का तेंदूपत्ता क्राफ्ट, पन्ना का ब्लॉक प्रिंट, अलीराजपुर के भील संस्कृति की सोवेनियर, पेंटिंग भोपाल का जरी जरदोजी, चंदेरी क्राफ्ट, ग्वालियर का चितेरा आर्ट और टेराकोटा आर्ट प्रमुख है। साथ ही माहेश्वरी सारी का लूम, मिट्टी कला, गोंड एवं भील पेंटिंग और जरी जरदोजी की लाइव प्रदर्शनी भी है जिस पर डेलिगेट्स हाथ आजमा कर अनुभव ले सकते है। यह प्रदर्शनी आज मंगलवार शाम को आम जनता के लिए निःशुल्क खुली रहेगी।

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