लेखक की कलम से
हे भारती ज्ञान भर दे…
हे भारती ज्ञान भर दे
अज्ञानता का तोड़ भँवर दे
तमस् मेरी खत्म कर दे
ज्योति आत्मा में भर दे
बुद्धि में मेरी भी सबर दे
सिद्धि में मेरी भी असर दे
मस्तिष्क को अपना घर दे
जीव्हा को अपना वर दे
सफल मेरा सफ़र कर दे
दर्शन देकर अमर कर दे
हे भारती ज्ञान भर दे…
©अंशु पाल, नई दिल्ली