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एनजीटी ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया…

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बरनाला स्थित एक कारखाने के संबंध में अपने आदेश के अनुपालन में लंबी एवं अस्पष्ट देरी के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि राज्य पीसीबी का पक्ष रख रहे अधिकारी ने कोई स्पष्टीकारण नहीं दिया है सिवाय मौखिक रूप से यह बताने के कि बोर्ड उद्योग को निर्देश जारी करता रहा है। हरित इकाई ने कहा कि कोई निर्देश नहीं दिया गया है और न ही

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि राज्य पीसीबी का पक्ष रख रहे अधिकारी ने कोई स्पष्टीकारण नहीं दिया है सिवाय मौखिक रूप से यह बताने के कि बोर्ड उद्योग को निर्देश जारी करता रहा है। हरित इकाई ने कहा कि कोई निर्देश नहीं दिया गया है और न ही कोई स्पष्टीकरण है कि दोषी कारखाने के खिलाफ दंडात्मक उपाय क्यों नहीं किए गए।

एनजीटी ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि राज्य पीसीबी, जल (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974, वायु (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत अपनी वैधानिक शक्तियों के प्रयोग में आवश्यक निवारक और उपचारात्मक उपाय कर, निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने में विफल रहा है।

पीठ ने कहा, ‘‘ इस अधिकरण के आदेशों का पालन करने में राज्य पीसीबी की ओर से लंबे समय से अस्पष्ट देरी को देखते हुए, हम एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हैं जिसे एक महीने के भीतर सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के पास जमा किया जा सकता है जो पीसीबी के सदस्य सचिव की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।”इसने कहा, “राज्य पीसीबी दोषी अधिकारियों से इसे वसूल करने के लिए स्वतंत्र है। हम राज्य पीसीबी को अनुपालन सुनिश्चित करने और अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हैं।”

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