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हिन्दी मेरी पहचान पर बहरीन द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन …

नई दिल्ली। ”काव्य सृजन महिला मंच “की स्थापना बसंत पंचमी, 10 फरवरी, 2020 को हुई और संस्था गत 2 वर्षों से निरंतर साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति समर्पित है। चूंकि चलना और चलते रहना ही सृष्टि का नियम भी है उसी क्रम में वर्ष – 2020 में भी काव्य सृजन महिला मंच द्वारा उसी फेहरिस्त में इस कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण काल में भी रचनात्मकता को बचाए और बनाए रखते हुए न्यूज़ चैनल के सहयोग से और ख़्वाबगाह, बहरीन की जानिब से, हिन्दी दिवस के अवसर पर, ”हिन्दी : मेरी पहचान”, शुक्रवार, दिनांक – 11/09/2020 को ऑन लाइन, काव्य गोष्ठी का बहुत ही शानदार व जानदार आयोजन किया गया।

“काव्य सृजन महिला मंच” की बहरीन और पश्चिम एशिया इकाई की अध्यक्ष श्रीमती अनुपम रमेश किंगर’ ने इस ऑन लाइन कवि गोष्ठी का संयोजन एवं संचालन किया और उनकी गरिमामय उपस्थिति में काव्य सृजन महिला मंच की बेहद जानदार – शानदार और यादगार ऑन लाइन, काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

किसी भी कार्य की निर्विघ्न समाप्ति के लिए हम उस परमपिता परमात्मा का स्मरण करते हैं और उसी क्रम में काव्य सृजन महिला मंच द्वारा आयोजित “hindi : मेरी पहचान”के निमित्त कवि सम्मेलन का शुभारम्भ काव्य सृजन महिला मंच की बहरीन इकाई की अध्यक्ष, अनुपम रमेश किंगर ने बहुत ही सधे हुए स्वर और बेहतरीन शब्द संयोजन के साथ मां भारती का आवाहन करते हुए अत्यंत भावपूर्ण सरस्वती वन्दना का पाठ किया। जिसको सफलता की ओर लें जाते हुए काव्य सृजन महिला मंच की बहरीन इकाई की अध्यक्ष, अनुपम रमेश किंगर ने अपनी और कई सम्मानित साहित्यकारों की काव्यात्मक अभिव्यक्तियों के साथ बेहतरीन संचालन से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

काव्य सृजन महिला मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संगीता शर्मा अधिकारी ने इसके उपरान्त, सरस्वती वंदना के पश्चात काव्य सृजन महिला मंच साहित्यिक – सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था के अब तक के सफर, संस्था द्वारा इन दो वर्षों में किए गए और किए जा रहे सभी कार्यो की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। संस्था की गतिविधियों की जानकारी के पश्चात बहरीन इकाई अध्यक्ष द्वारा सभी आमंत्रित – सम्मानित, भारतीय मूल की, अप्रवासी कवयित्रियों का स्वागत, आभार, अभिनंदन और प्रत्येक का परिचय देते हुए इस कवि सम्मेलन का शानदार आगाज़ किया।

राष्ट्रभाषा हिन्दी के जश्न को मनाते हुए हिन्दी दिवस के इस पावन, पुनीत शुभ अवसर पर अभिव्यक्ति की दोहर कोते हुए मन के मनके तराशने के लिए एक नई उमंग व उत्साह के साथ सभी कवयित्रियों ने राष्ट्रभाषा हिन्दी को समर्पित अपनी एक से बढ़कर एक बेहतरीन दोहा छंद कविता गीत गजल आदि विधाओं में पिरोई गई रचनाओं का बहुत ही खूबसूरत और अविस्मरणीय काव्य पाठ किया। सभी ने देश प्रेम, रिश्ते – नातों और अध्यात्म पर आधारित एक से बढ़कर एक रचनाएं पढ़ी और सभी ने काव्य पाठ का भरपूर आनन्द उठाया।

काव्य सृजन महिला मंच द्वारा आयोजित “हिन्दी :मेरी पहचान”इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन को दो सत्रों में आयोजित किया गया जिसमें भिन्न भिन्न देशों में रहनेवाली गणमान्य कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन कार्यक्रम में आमंत्रित 18 सम्मानित कवयित्रियों यथा -: दुबई से दीपा, स्नेहा और वर्षा, बहरीन से पल्लवी और प्रीति, जर्मनी से योजना, और ओमान से सिम्मी, शेरेबानु, तसनीम और विभा के साथ – साथ काव्य सृजन महिला मंच, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगीता शर्मा अधिकारी एवं आयोजन की संयोजक – संचालकअनुपम रमेश किंगर ने भी अपनी कलम से निकले हुए शब्दों और कंठ से उच्चरित स्वरों से सभी के मन को मोह कर इस कार्यक्रम को एक नई पहचान देते हुए सभी श्रोताओं को काव्य पाठ का आनंद कराया तथा अपने शब्दों की मिठास और कलम से फैली हुई चारों ओर उजास से इस कार्यक्रम को एक उच्च स्तर पर सम्मान दिलाकर काव्य गोष्ठी के नए प्रतिमान स्थापित किए।

मुख्य अतिथि तूफैल अहमद ओमान से, विशिष्ट अतिथि कपिल बत्रा बहरीन से और आशीष शर्मा इंडोनेशिया से ने भी अपनी काव्य रस की वर्षा से सभी को रोमांचित कर आनन्दित किया। इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन का टेन न्यूज़ चैनल की ओर से सीधा प्रसारण लगभग सवा दो घंटे तक जारी रहा और सभी दर्शकों ने मंत्रमुग्ध होकर इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन “हिन्दी : मेरी पहचान”का भरपूर लुत्फ उठाया और कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रियाओं से सभी का उत्सावर्धन कर उनकी हौसला अफजाई की।

काव्य सृजन महिला मंच के संस्थापक शिव प्रकाश जौनपुरी किन्हीं कारणवश कवि सम्मेलन में भाग नहीं ले सके लेकिन पूरे मन से, आत्मीयता से उनकी उपस्थिति हम सभी के मन मस्तिष्क में और इस कवि सम्मेलन के महायज्ञ – अनुष्ठान में आद्योपांत बनी रही।

राष्ट्रप्रेम और राष्ट्र भाषा को समर्पित “हिन्दी : मेरी पहचान”के लिए आयोजित ऑनलाइन कवि सम्मेलन की इस यात्रा में शामिल सभी आमंत्रित सम्मानित कवयित्रियों तथा आयोजन के संयोजक व संचालक को प्रोत्साहन एवं उत्साहवर्धन हेतु स्मृति चिह्न के रूप में काव्य सृजन महिला मंच, सामाजिक – साहित्यिक – सांस्कृतिक संस्था द्वारा “प्रशस्ति पत्र “प्रदान किए गए जिसमे उनकी गौरवमयी भूमिका को प्रणाम करते हुए उनके रचनात्मक सहयोग और दीप्तिमान – प्रेरक व उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।

विशिष्ट अतिथियों एवं संस्था के पदाधिकारियों द्वारा इस अनूठे सम्मेलन की और सशक्त संचालन करने के लिए बहरीनइकाई की अध्यक्ष, अनुपम रमेश किंगर की प्रशंसा और प्रोत्साहन के साथ यह कार्यक्रम अपने अंतिम चरण की ओर अग्रसर हुआ।

अंत में इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन की संयोजक संचालक और काव्य सृजन महिला मंच की बहरीन इकाई की अध्यक्ष,  अनुपम रमेश किंगर द्वारा सभी लब्धप्रतिष्ठित – सम्मानित अतिथियों और कवयित्रियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी कवयित्रियों द्वारा “हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा”का सामूहिक गान किया गया और भरपूर आत्मीयता के साथ मातृभूमि और मातृभाषा को नमन स्वरूप सैल्यूट करते हुए कार्यक्रम का बहुत ही शानदार और सफलतापूर्वक समापन किया गया।

 

   ©दिल्ली बुलेटिन के लिए पंकज तिवारी की रपट    

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