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खाने के जले तेल से बनेगा बायो डीजल, होगा देश का पहला संयंत्र …

इंदौर। इंदौर के 200 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 16 जिलों से नमकीन उद्योग, रेस्त्रां और होटलों का अनुपयोगी खाद्य तेल जुटाया जाएगा।

मध्य प्रदेश में नमकीन और अन्य खाद्य पदार्थों को तलने के बाद बचा जला तेल बायो डीजल बनाने में काम आएगा। इसके लिए इंदौर में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आइओसी) आगे आई है। बायो डीजल बनाने के लिए आइओसी का एक निजी कंपनी से अनुबंध होने जा रहा है।

इसके लिए फरसपुर गांव में बायो डीजल संयंत्र और पास में ही तेल संग्रहण केंद्र बनाया जा रहा है। यहां इंदौर के 200 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 16 जिलों से नमकीन उद्योग, रेस्त्रां और होटलों का अनुपयोगी खाद्य तेल जुटाया जाएगा। इनमें इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, धार, भोपाल, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, खंडवा, खरगोन आदि शामिल हैं।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने आइओसी के साथ यह पहल की है। बताया जाता है कि गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु आदि में 14 स्थानों पर इस तरह के बायो डीजल संयंत्र हैं। प्रदेश में अपनी तरह का पहला संयंत्र होगा।

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