नई दिल्ली

पेगासस की लिस्ट में ईडी अफसर, बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक और सीएम केजरीवाल के सहयोगियों के भी नाम …

नई दिल्ली। अपने विरोधी दलों से सीधे टक्कर लेने में नाकाम और लगातार मिल रही करारी शिकस्त के मद्देनजर दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए पेगासस से जासूसी कराए जाने को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसमें रोज नए – नए खुलासे हो रहे है। इसमें अब बीएसएफ के पूर्व डीजी केके शर्मा, प्रवर्तन निदेशालय सीनियर अधिकारी राजेश्वर सिंह और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी एके जैन का नाम भी पेगासस की जासूसी लिस्ट में शामिल था। द वायर की सोमवार को प्रकाशित नई रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों के फोन नंबरों को भी जासूसी की संभावित लिस्ट में शामिल किया गया था। इनके अलावा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के एक पूर्व अफसर और पीएमओ के एक अधिकारी का नाम भी इसमें शामिल था। यही नहीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना के दो कर्नलों को भी जासूसी की इस लिस्ट में शामिल किया गया था।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिए सर्विलांस के लिए कुल 50,000 फोन नंबरों का डेटा बेस तैयार किया गया था। इस डेटाबेस के बारे में सबसे पहले फ्रांस के नॉन प्रॉफिट फॉरबिडन स्टोरीज को मिला था। उसने ही भारत समेत 10 देशों के मीडिया संस्थानों के कंसोर्टियम को यह जानकारी साझा की थी। इस लिस्ट में शामिल नंबरों का इस्तेमाल करने वाले 67 डिवाइसेज का एमनेस्टी इंटरनेशनल की ओर से विश्लेषण किया गया है। इनमें से 37 के पेगासस की ओर से हैक किए जाने की बात कही गई है। इन 37 नंबरों में से 10 भारत के बताए जा रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ के डीजी केके शर्मा का नाम संभावित टारगेट की लिस्ट में शामिल किया गया था। 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी के बीएसएफ के डीजी बनने के एक महीने बाद ही उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया गया था। वह 2018 में आरएसएस से जुड़े एक संगठन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। इस इवेंट में वह सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए शामिल हुए थे। संघ के कार्यक्रम में शर्मा के शामिल होने को लेकर विवाद शुरू हो गया था। दरअसल टीएमसी ओर से इस मामले की जांच की गई थी।

इसके अलावा फिलहाल लखनऊ में तैनात ईडी के विवादित अफसर और जॉइंट डायरेक्टर राजेश्नर सिंह का नाम भी इस लिस्ट में था। उन्हें 2017 से 2019 के दौरान जासूसी के लिए शामिल किया गया था। राजेश्वर सिंह ने 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका की भी जांच की थी। इस मामले वह काफी चर्चा में रहे थे। यही नहीं सीबीआई के डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद में भी उनकी अहम भूमिका था। हालांकि पेगासस की लिस्ट में नाम शामिल होने को लेकर राजेश्वर सिंह य़ा फिर एके शर्मा की ओर से टिप्पणी नहीं आई है।

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