मध्य प्रदेश

भाजपा पर फूटा किसानों का आक्रोश, प्रस्तावित एयरपोर्ट एवं निवेश क्षेत्र के विरोध में 700 ट्रैक्टरों से 68 गांव के किसान सड़क पर उतरे ….

देवास। जिले के करीब 68 गांवों के करीब चार हजार किसान 700 से ज्यादा ट्रैक्टरों से जिला मुख्यालय पहुंचे। देवास एवं हाटपीपल्या में प्रस्तावित एयरपोर्ट एवं निवेश क्षेत्र के विरोध में शुक्रवार को जिले के किसान सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। देवास और हाटपीपल्या में प्रस्तावित एयरपोर्ट एवं निवेश क्षेत्र का विरोध कर रहे सैकड़ों किसान शुक्रवार सुबह से ट्रैक्टर, बाइक एवं चार पहिया वाहन लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचे। जहां उन्होंने सभा आयोजित कर प्रदर्शन किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में कृषि उपज मंडी में शुक्रवार सुबह से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर, बाइक एवं चार पहिया वाहन लेकर पहुंचे। किसानों ने बताया कि देवास तहसील के 32 गांव निवेश क्षेत्र एवं हाटपीपल्या के 12 गांव प्रस्तावित एयरपोर्ट में तथा 24 गांव ग्रीन सिटी लाजिस्टिक हब में जा रहे हैं। इसमें किसानों की हजारों हेक्टेयर उपजाऊ भूमि छीनी जा रही है। इससे लाखों परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इसको लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया। साथ ही मंडी में एक सभा को संगठन के पदाधिकारियों ने संबोधित किया। इसके बाद मंडी से लेकर कलेक्टोरेट तक ट्रैक्टर रैली निकाली गई। इसमें 700 से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल थे। वहीं, कई किसान बाइक व अन्य वाहनों से तो कोई पैदल कलेक्टोरेट पहुंचे। कलेक्टोरेट परिसर में नारेबाजी कर संगठन के पदाधिकारियों व किसानों ने कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला को ज्ञापन सौंपा।

मंडी परिसर स्थित टीनशेड में हुई सभा में भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना एवं प्रांताध्यक्ष रामप्रसाद सूर्या ने भारतीय जनता पार्टी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उद्योग धंधे अगर डालना ही है तो पथरीली जमीन या अनउपजाऊ जमीन पर डाले जाएं। किसानों की उपजाऊ जमीन नहीं छीनी जाए। महामारी में जब सारे उद्योग-धंधे बंद पड़े थे तब किसानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर करोड़ों लोगों का पेट भरने के लिए अन्न पैदा किया। खेतों में काम चलता रहा एवं लाखों लोगों को रोजगार दिया। हजारों परिवारों को बर्बाद कर मुट्ठीभर कंपनियों को बसाना विकास नहीं कहा जा सकता।

किसान मंडी परिसर से ट्रैक्टर लेकर कलेक्ट्रेट आए। कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी की। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला से किसान संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि लैंड पुलिंग योजना में देवास और हाटपिपल्या क्षेत्र के करीब 68 गांवों के किसानों की जमीन प्रभावित हो रही है। हम एक इंच जमीन भी नहीं देना चाहते। यह योजना हम नहीं चाहते। कलेक्टर ने कहा बिना किसानों की सहमति के जमीन नहीं ली जाएगी। शासन किसानों के साथ है। महामंत्री शेखर पटेल ने कहा अगर शासन ने किसानों की बात नहीं मानी तो आगे आंदोलन और उग्र होगा।

औद्योगिक क्षेत्र को विस्तार देने और देवास के विकास के लिए नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने की शासन द्वारा प्रक्रिया की जा रही है, जो लैंड पुलिंग के तहत होना है। इसमें किसानों की भूमि को अधिग्रहित न करते हुए उनकी स्वेच्छा से लिया जाएगा। शासन उनकी भूमि पर आधे हिस्से को विकसित कर किसानों को देगा और आधी भूमि उद्योगों के लिए उपयोग में ली जाएगी। यह कार्य पीथमपुर मॉडल की तर्ज पर किया जा रहा है। पीथमपुर को भी लैंड पुलिंग करके विकसित किया गया था।

इसी तारतम्य में सात महीने पहले उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने देवास में विधायक गायत्री राजे पवार, कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला और उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। प्रदेश में नए नियमों के तहत पहला मिनी सुपर कॉरिडोर देवास में 5.2 किमी में विकसित किया जाएगा, जो बीराखेड़ी से उज्जैन रोड नागूखेड़ी तक है। इसमें कई गांवों के किसानों की जमीन लैंड पुलिंग के तहत ली जा रही है। इसमें देवास के मिनी सुपर कॉरिडोर में कारपोरेट ऑफिस, थीम पार्क, बायो मेडिकल इंस्टिट्यूट-अस्पताल, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पलेक्स, शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन पार्क आदि का निर्माण भी किए जाने की योजना है। 6 लेन का रोड भी बनाया जाएगा।

इस नियम के तहत किसानों की भूमि अधिग्रहण ना कर उनकी स्वेच्छा से ली जाएगी। किसानों की 50% भूमि उनके आवास के लिए पूर्ण रूप से विकसित करके दी जाएगी। यह किसानों की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वे अपनी भूमि इस योजना के लिए दें या नहीं। शासन का मानना है कि लैंड पुलिंग किसानों के हित में है। जो भूमि किसानों से लैंड पुलिंग करके ली जाएगी, उसे विकसित करके जब किसान लेंगे तो उसके बहुत ऊंचे दाम होंगे।

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