मध्य प्रदेश

कर्मचारी मंच ने निकाली महारैली, 10 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा

प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने पहुंचकर भरी हुंकार

भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में प्रदेशभर से आए स्थायी कर्मियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालीन कर्मचारियों एवं वन सुरक्षा श्रमिकों ने सेकंड स्टॉप तुलसी नगर से विशाल महारैली निकाली। सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा के विरोध में निकाली गई रैली विभिन्न मार्गो से होते हुए प्रांतीय सम्मेलन स्थल अंबेडकर जयंती मैदान पहुंची। महारैली में प्रदेश के विभिन्न जिले से आए कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

सम्मेलन में कर्मचारियों ने प्रमुख 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तैयार करके मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन भोपाल को सौंपा। प्रांतीय सम्मेलन को कर्मचारी नेता अशोक पांडे प्रांताध्यक्ष, राजू शील यादव प्रांतीय महामंत्री, सागर बिहारी यादव प्रांतीय सचिव सिवनी, प्रवीण तिवारी इंदौर, महेंद्र सारस जिला अध्यक्ष धार, प्रमोद बर्डे जिला अध्यक्ष बैतूल, महेंद्र गौर जिला महामंत्री मुरैना, सत्येंद्र पांडे भोपाल, शिव प्रसाद सांगुले आदि ने संबोधित किया। संचालन श्याम बिहारी सिंह जिला अध्यक्ष भोपाल ने किया। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि सरकार स्थायी कर्मियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालीन कर्मचारियों एवं वन सुरक्षा श्रमिकों की मांगों की लंबे समय से उपेक्षा कर रही है। जिस कारण प्रदेश भर के लाखों अनियमित संवर्ग के कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भयंकर असंतोष व्याप्त है। महारैली एवं सम्मेलन में अशोक कहार मटकुली, सुकमन धुर्वे पचमढ़ी, अनिल पाराशर सागर, नानकराम यदुवंशी छिंदवाड़ा, हल्लू लाल कुशवाहा टीकमगढ, रामदीन सिंह शहडोल, मोहन आगर सुनील उईके बालाघाट, रामबाबू सेन बैरसिया, रमेश मालाकार राजगढ, हिम्मत सिंह धुर्वे बैतूल, कैल सिंह भूरिया देवास, राजू बागड़े भोपाल, निर्मला खींची जीरापुर, मुमताज बेगम शहडोल, सुनीता चौहान भोपाल, जयवनती उईके बैतूल आदि हजारों कर्मचारी शामिल थे।

ये हैं प्रमुख मांगें

प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे के अनुसार सरकार के समक्ष आज महारैली, सम्मेलन के बाद ज्ञापन के माध्यम से 10 सूत्रीय मांगे रखी गई हैं। जिनमें एनपीएस वापस लेकर कॉपियस पुरानी पेंशन योजना लागू करने, 1 जनवरी 2023 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ देने, स्थाई कर्मियों को नियमित करने तथा सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से एरियर सहित देने, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 2014 से न्यूनतम नियमित वेतनमान देने, अंशकालीन कर्मचारियों एवं वन सुरक्षा श्रमिकों को कलेक्टर दर का वेतन देने, अनियमित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने, नियमित हो चुके दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी सेवाकाल की वरिष्ठता देने स्थायी कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी के समान अवकाश सुविधा का लाभ देने, स्थायी कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालीन कर्मचारियों वन सुरक्षा श्रमिकों को मेडिकल सुविधा बीमा सुविधा पीएफ सुविधा का लाभ देने तथा सीधी भर्ती एवं आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगाने की मांग की है।

Back to top button