नई दिल्ली

देश के पांच राज्यों में होने हैं चुनाव, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर रोक लगाने मोदी सरकार कर रही विचार …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । देश में आने वाले समय में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पेट्रोल-डीजल में बेतहाशा मूल्य वृद्धि वोटों का ध्रुवीकरण कर सकता है। देश में महंगाई अपने चरम पर है। ऐसे में विशेषज्ञों की राय के मुताबिक सरकार को जल्द ही कड़े फैसले लेने होंगे। ताकि इसका पेट्रोल-डीजल की महंगाई का असर होने वाले पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल के चुनावों पर न पड़े और विजय रथ आगे बढ़ता रहे।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सुझावों पर अगर GST परिषद अमल करती है तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी हो जाएगी। दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि उनका मंत्रालय जीएसटी परिषद से पेट्रोलियम उत्पादों को अपने दायरे में शामिल करने का लगातार अनुरोध कर रहा है, क्योंकि इससे लोगों को फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दे चुकी हैं।

पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये से अधिक हो गयी है। पेट्रोल-डीजल के महंगे होने के सबसे बड़ा कारण टैक्स ही है।  केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क और राज्य वैट वसूलते हैं। अभी केंद्र व राज्य सरकारें उत्पाद शुल्क व वैट के नाम पर 100 फीसद से ज्यादा टैक्स वसूल रही हैं। इन दोनों की दरें इतनी ज्यादा है कि 35 रुपये का पेट्रोल राज्यों में 90 से 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच रहा है। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है और डीजल 81 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया। इस पर केंद्र ने क्रमशः 32.98 रुपए लीटर और 31.83 रुपए लीटर का उत्पाद शुल्क लगाया है।

राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को तैयार नहीं हैं। 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किया गया था। उस समय राज्यों की उच्च निर्भरता के कारण पेट्रोल और डीजल को इससे बाहर रखा गया था। जीएसटी में पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल किया जाता है, तो देश भर में ईंधन की एक समान कीमत होगी। बता दें फरवरी में अब तक पेट्रोल की कीमतें 4.63 रुपये प्रति लीटर और डीजल की दरें 4.84 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुकी हैं। इसी तरह 2021 में अब तक पेट्रोल 7.22 रुपये और डीजल 7.45 रुपये महंगा हो चुका है।

पेट्रोल-डीजल के रेट पर ये होगा असर

  • जीएसटी की उच्च दर पर भी पेट्रोल-डीजल को रखा जाए तो मौजूदा कीमतें घटकर आधी रह सकती हैं।
  • यदि जीएसटी परिषद ने कम स्लैब का विकल्प चुना, तो कीमतों में कमी आ सकती है।
  • भारत में चार प्राथमिक जीएसटी दर हैं – 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद
  • अगर पेट्रोल को 5 फीसद जीएसटी वाले स्लैब में रखा जाए तो यह पूरे देश में 37.57 रुपये लीटर हो जाएगा और डीजल का रेट घटकर 38.03 रुपये रह जाएगा।
  • अगर 12 फीसद स्लैब में ईंधन को रखा गया तो पेट्रोल की कीमत होगी 40 फीसद और डीजल मिलेगा 40.56 रुपये।
  • अगर 18 फीसद जीएसटी वाले स्लैब में पेट्रोल आया तो कीमत होगी 42.22 रुपये और डीजल होगा 42.73 रुपये।
  • वहीं अगर 28 फीसद वाले स्लैब में ईंधन को रखा गया तो पेट्रोल 45.79 रुपये रह जाएगा और डीजल होगा 46.36 रुपये।
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