नई दिल्ली

कांग्रेस नेताओं ने मणिपुर हिंसा के बीच की राष्ट्रपति मुर्मु से मुलाकात, उच्च स्तरीय जांच सहित रखीं 12 मांगे…

नई दिल्ली । 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा हुई थी, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई। भले ही हिंसा थम गई है, लेकिन राज्य के हालात अब भी सामान्य नहीं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आज दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

इस दौरान कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें कांग्रेस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच आयोग के गठन सहित 12 मांगें की गई है।

प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए रमेश ने कहा कि जब 3 मई को मणिपुर जल रहा था, तब पीएम मोदी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तभी से मांग कर रहा हैं कि केंद्र सख्त कार्रवाई करे। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, जो मणिपुर में सीएलपी नेता भी हैं, ने कहा कि मणिपुर के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। भारत में जो हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस बीच मणिपुर पीसीसी अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते सवाल किए है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में अशांति के परिणामस्वरूप निर्दोष लोग मारे गए हैं, घरों को आग के हवाले कर दिया गया है और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया है। प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं? भाजपा सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपाय नहीं कर रही है।

इस बीच आज यानी मंगलवार 30 मई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं। अमित शाह राज्य के चार दिवसीय यात्रा पर मणिपुर पहुंचे है। यहां वह शांति बहाल करने के उद्देश्य से अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से शाह की यह राज्य की पहली यात्रा है।कांग्रेस के इस डेलिगेशन में मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल सहित मणिपुर के कांग्रेस नेता भी शामिल थे।

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