छत्तीसगढ़रायपुर

किसानों के हित में छत्तीसगढ़ मॉडल को अन्य राज्य भी अपनाएं, महाराष्ट्र के महाबल्लेश्वर में नेफ्स्काब की राष्ट्रीय बैठक में बोले बैजनाथ चन्द्राकर …

रायपुर। महाबल्लेश्वर (महाराष्ट्र) में आयोजित बैठक की अध्यक्षता नेफ्स्काब के अध्यक्ष कोंडरू रविन्द्र राव ने की। बैठक में नेफ्स्काब उपाध्यक्ष (गोआ) उल्लास बी. फल देसाई, नेफ्स्काब उपाध्यक्ष हिमांचल प्रदेश खुशी राम बालनाथ, नेफ्स्काब उपाध्यक्ष मिजोरम श्रीमती टी.लालमॉनपुई, नेफ्स्काब उपाध्यक्ष उत्तराखंड दान सिंह रावत, नेफ्स्काब संचालक दिल्ली, बैजेंद्र सिंह, एमडी महाराष्ट्र विद्याधर वी.अनस्कर, नेफ्स्काब संचालक नागालैंड, केखवेंगुलो लिया, नेफ्स्काब संचालक तमिलनाडु थिरु आर.इलंगोवान, नेफ्स्काब एमडी बी.सुब्रमण्यम, छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक के एजीएम एल के चौधरी, प्रबंधक ए के लहरे तथा अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।

राष्ट्रीय राज्य सहकारी बैंक महासंघ (नेफ्स्काब) मुम्बई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर व जनरल असेम्बेली की बैठक में अपेक्स बैंक छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष और नेफ्स्काब के राष्ट्रीय संचालक बैजनाथ चंद्राकर ने सुझाव दिया गया कि अन्य राज्यों में भी छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाया जाना चाहिए। केन्द्र एवं राज्य शासन को ब्याज अनुदान की राशि समितियों को समय उपलब्ध कराना चाहिए। शासकीय योजनाओं के तहत् समितियों को हुई हानि की प्रतिपूर्ति समय पर किए जाने से समिति की आर्थिक स्थिति सृदृढ़ होगी।

अपेक्स बैंक के अध्यक्ष चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र के लगातार मजबूत बनाया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहेें हैं। प्राथमिक कृषि साख समितियों में अंधोसंरचना के विकास के साथ-साथ नई समितियों का गठन किया जा रहा है। राज्य में 725 नवीन पैक्स का गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए खरीदी केन्द्रों में आवश्यक सुविधाओं के साथ नवीन प्राथमिक साख सहकारी समिति (पैक्स) प्रारंभ करने और इन समितियों में अंधोसंरचना विकास के कदम उठाए गए हैं। बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल की सराहना की गई।

चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्राथमिक साख सहकारी समितियों की सृदृढ़ता के लिए लगातार वित्तीय सहायता दी जा रही है। छत्तीसगढ़ शासन पैक्स व उपार्जन केन्द्रों में अंधोसंरचना विकास के तहत गोदाम सह कार्यालय भवन, फड़ व चबूतरे का निर्माण किया गया। समितियों के जरिए किसान हितैषी एवं हितग्राही मूलक योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश में गोधन न्याय योजना और वनांचल क्षेत्रों समर्थन मूल्य पर लघुवनोपजों की खरीदी से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों, किसानों महिलाओं और खेतिहर मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधरी है।

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