मध्य प्रदेश

7 से 8 महिलाओं को लोकसभा का टिकट दे सकती है भाजपा

भोपाल

लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा महिलाओं पर ज्यादा भरोसा जता सकती है। प्रदेश की लोकसभा सीटों में से महिलाओं के खाते में 25 प्रतिशत सीट यानि सात से आठ सीटें भाजपा दे सकती है। दरअसल महिला बिल के बाद भविष्य में लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभा में एक तिहाई सीटें आरक्षित होंगी। इस आरक्षण की तैयारी से पहले होने वाले लोकसभा के इन चुनावों में भाजपा महिलाओं को लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भेजने का इस बार प्रयास कर सकती है।

भाजपा ने पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कुल मिलाकर नौ महिलाओं को लोकसभा चुनाव में उतारा था। खासबात यह रही कि सभी महिला उम्मीदवारों ने अपने चुनाव जीते और लोकसभा में उस क्षेत्र का नेतृत्व किया। इस बार भाजपा पिछले दो चुनाव की तुलना में महिलाओं पर ज्यादा भरोसा जता सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि सात या आठ सीटों पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। फिलहाल मध्य प्रदेश में तीन महिला लोकसभा की सदस्य हैं, सीधी से रीति पाठक इस्तीफा देकर विधायक बन गई हैं।

इन सीटों पर महिलाओं को टिकट दिए जाने की अटकलें
पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार ज्यादा सीटों से महिलाओं को चुनाव लड़ने की चल रही बातचीत के बीच अब अटकलों का दौर भी तेज हो गया है। इंदौर और भोपाल में महिला उम्मीदवार उतारने जाने की अटकलें चल रही है। दोनों ही सीटों पर भाजपा नए चेहरे को उतार सकती है। इसी तरह धार, झाबुआ, देवास, बैतूल, सीधी, शहडोल, भिंड, बालाघाट में भी महिला उम्मीदवार उतारे जाने की अटकलें हैं।

2014 में थी पांच सांसद
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पांच महिलाएं मध्य प्रदेश से लोकसभा की सदस्य बनी थी। सभी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती थी। इसमें देश की प्रख्यात नेता सुषमा स्वराज विदिशा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गई थी। वे इस चुनाव के बाद केंद्र में मंत्री बनी। इंदौर से सुमित्रा महाजन चुनी गई और वे लोकसभा की अध्यक्ष बनी। इन दो नेताओं के अलावा सीधी से रीति पाठक, धार से सावित्री ठाकुर और बैतूल से ज्योति धुर्वे चुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंची थी।

2019 में चार महिलाओं पर भरोसा
वर्ष 2014 की तुलना में मध्य प्रदेश से लोकसभा में पहुंचने वाली महिला सासंदों की संख्या कम हो गई। भाजपा ने चार महिलाओं को ही टिकट दिया। इसमें सीधी से रीति पाठक सांसद बनी, भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शहडोल से हिमाद्री सिंह और भिंड से संध्या राय सांसद चुनी गई। वर्ष 2014 में जहां महिला सांसदों की संख्या 5 थी, वहीं 2019 के चुनाव में यह संख्या घटकर चार हो गई।

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