भोपाल का अर्बन टाइगर मॉडल दूसरे राज्यों में भी लागू होगा, एनटीसीए की बैठक में लिया गया निर्णय
भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल का अर्बन टाइगर माडल उप्र तथा राजस्थान राज्य में भी लागू किया जाएगा। भोपाल में सोमवार को आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में तय किया गया कि उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल स्थित पीलीभीत, राजस्थान के जयपुर और मध्य प्रदेश के जबलपुर सहित देशभर में उन शहरों में लागू किया जाएगा, जिनसे जंगल सटे हैं और बाघों की आवाजाही रहती है। बैठक में भोपाल में बाघ भ्रमण क्षेत्र में कालोनियां विकसित होने पर चिंता जताई है। सदस्यों ने राज्य सरकार को इस क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगाने के सुझाव दिए हैं। एनटीसीए के 30 सदस्यों ने रविवार को भोपाल का अर्बन टाइगर माडल देखा था। उन्होंने बाघों की निगरानी के लिए लगाए गए ईआई सर्विलांस सिस्टम और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की प्रशंसा की थी। आइआइएफएम में आयोजित बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई है। जिसमें सदस्यों ने देश के ऐसे सभी शहरों में इस व्यवस्था को लागू करने पर सहमति जताई है।
जिनसे जंगल जुड़े हैं और उनमें बाघ सक्रिय हैं। इसके लिए मैनेजमेंट प्लान बनाने को कहा गया है। सदस्यों ने यह सुझाव भी दिया है कि बगैर किसी ठोस शोध के टाइगर रिजर्व और बाघ भ्रमण क्षेत्रों में कोई प्रयोग न किया जाए। प्रयोग करने से पहले यह भी देखा जाएगा कि किए गए शोध के परिणाम सकारात्मक आए हैं या नहीं। एनटीसीए के सदस्यों ने देशभर के संरक्षित क्षेत्रों के बीच कारिडोर (गलियारे) विकसित करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकारों को इस पर गंभीरता से काम करना चाहिए और दो संरक्षित क्षेत्रों को जोडऩे वाले गलियारे में आने वाले खुले क्षेत्रों में हरियाली बढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से बाघ-मानव द्वंद्व को रोका जा सकता है।