मध्य प्रदेश

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम बोले- इसी सत्र में 60 हजार महीना पेंशन दिलाने का प्रयास करूंगा

पूर्व विधायकों का सम्मेलन आयोजित, सम्मेलन में प्रदेश के 300 से ज्यादा पूर्व विधायक शामिल हुए

भोपाल। विधानसभा भवन के मानसरोवर सभाकक्ष में शनिवार को प्रदेश के पूर्व विधायकों का स्नेह मिलन सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर पूर्व विधायकों को आश्वासन दिया कि इसी सत्र में पूर्व विधायकों को 60 हजार रुपये महीना पेंशन दिलाने का प्रयास करूंगा। प्रोटोकाल में सत्र न्यायाधीश के साथ सांसद-विधायक का नाम जोडऩे का भी प्रयास करूंगा। आपको सम्मान दिलाने में अपनी तरफ से पूरी ताकत लगाता रहूंगा। विधायक विश्राम गृह में 25 कक्ष पूर्व विधायकों के लिए आरक्षित रहेंगे। एक साथी के साथ छह दिन बगैर शुल्क के रह सकेंगे। खाना- नाश्ता भी देंगे। उ न्होंने कहा कि पूर्व विधायकों के स्नेह मिलन सम्मेलन की जिस परंपरा को शुरू किया, उम्मीद है उसे कोई तोड़ नहीं सकेगा।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा बुलाए गए इस सम्मेलन में डा. गौरीशंकर शेजवार, कैलाश विजयवर्गीय, नारायण केशरी, माया सिंह, बिजेंद्र सिह, जसवंत सिंह, ज्ञान सिंह और रघुनन्दन शर्मा सहित 300 से अधिक पूर्व विधायक शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष ने गिरीश गौतम ने मंच पर उपस्थित पूर्व विधायकों का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया।
विधायिकाओं का कम समय चलना चिंता की बात
सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पूर्व विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी बात नए विधायकों के लिए प्रेरणा बनती है। राजनीतिक व्यक्ति के सामने तीन अवस्था होती हैं। बीते समय का पश्चाताप, वर्तमान का तनाव, भविष्य का भय। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने संसद, विधानसभा का कम समय तक चलना चिंता का विषय है। इससे पहले सम्मेलन के दौरान पूर्व विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा की गरिमा बनाना पक्ष और विपक्ष दोनों का काम है। दुर्भाग्य से विधानसभा कम चल रही है। हम अभूतपूर्व विधायक हैं, अभी भी सकारात्मक काम कर सकते हैं। अध्यक्ष जी, हमें अभी भी कुछ काम दीजिए। प्रधानमंत्री आवास योजना के घरों को ही मानीटरिंग जैसे अन्य कार्य दे सकते हैं।
डाकुओं से अधिक विधायकों की आलोचना
पूर्व विधायक जसवंत सिंह ने कहा कि जितना वर्तमान अध्यक्ष ने हमें दिया, उतना पहले कभी नहीं मिला। पेंशन बढ़ाने, टोल टैक्स में राहत सहित अन्य मांगें अध्यक्ष को बता चुके हैं। हमारे अध्यक्ष उन्हें पूरा करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान और पूर्व विधायकों की इतनी आलोचना होती है, जितनी डाकुओं की भी नहीं होती। हमारी कोई मांग आई और आलोचना शुरू। लोग कहते हैं, इतनी पेंशन तो मिल रही है। डाकुओं को सुविधाएं दे रहे हैं। अमेरिका से आए पेंथरों (चीता) के लिए अभयारण्य बना रहे हैं। उसमें कोई फिजूलखर्ची नहीं होती। विधायकों को सुविधाएं देने में फिजूलखर्ची है। 75 साल में देश-प्रदेश ने तरक्की की। प्रजातंत्र का एक ही स्थंभ है। विधायिका यदि बिगड़ी तो सब बिगड़ जाएगा। पाकिस्तान जैसे हालात हो जाएंगे। दूसरा योगदान मीडिया का है।
जिला योजना समिति में आमंत्रित सदस्य बनाया जाए
डा. गौरीशंकर शेजवार ने सुझाव दिया कि पूर्व विधायक मंडल और पूर्व विधायक परिषद एक हो जाएंगे तो हमारा बल बढ़ेगा। मांगें भी सुनी जाएंगी। पूर्व विधायकों को लेकर विधानसभा विनम्र। इतना सम्मान और कहीं नहीं मिलता। जिला योजना समिति में पूर्व विधायकों को आमंत्रित सदस्य बनाया जा सकता है। इससे हमें भी सम्मान मिलेगा। पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा- हम वादा करते हैं हमें विधायक बनवा दो, सदन की गरिमा ठीक कर देंगे। कई पूर्व विधायकों को परिवार से छोड़ दिया। उन्हें आपने पेंशन दी तो वे आपको ही सबकुछ मानते हैं। पूर्व विधायक को साल में एक-दो बार जिला प्रशासन ही सम्मान से बुला ले। पूर्व विधायक नारायण सिंह केसरी ने कहा कि मैं विधानसभा में पर्चे बांटता था। कोई रोकता टोकता नहीं था। आज तो विधानसभा की भव्यता देखते बनती है। फूलचंद वर्मा के देहांत पर परंपरा तोड़ी गई। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद ऐसा हुआ। अंतिम समय में सम्मान क्यों काटा गया। ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। तीन पुलिस वाले डंडे लेकर गार्ड आफ आनर के लिए भेज दिए। पूर्व विधायक कैलाश चावला बोले कि ऐसी व्यवस्था बना दें कि पूर्व विधायक समस्या या शिकायत सीधे अध्यक्ष को भेजें और वे सरकार से जवाब ले लें। हमारा भी सम्मान बढ़ेगा।

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