आखिर भूपेश सरकार का निर्णय, सीधे चुने जाएंगे सरपंच
अब 5 वीं पास की बाध्यता खत्म, साक्षर होना अनिवार्य
रायपुर {दीपक दुबे} । भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। मंत्रिमंडल ने आगामी पंचायत चुनाव को प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का फैसला लिया है। साथ ही चुनाव लड़ने के लिए 5 वीं और 8 वीं की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। अब कोई भी साक्षर व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। छत्तीसगढ़ में होने वाले पंचायत चुनाव में सरपंच का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगे।
राज्य सरकार पंच द्वारा सरपंच चुने जाने की योजना पर फिर से विचार किया गया और भूपेश कैबिनेट का फैसला सामने आया है कि अब प्रत्यक्ष प्रणाली से पंचायत चुनाव से होंगे। इस के पहले ग्राम पंचायतों के सरपंच के चुनाव भी अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने की तैयारी कर रही थी, लेकिन जब से यह खबर बाहर आई है तब से लगातार गांवों में इसे लेकर विरोध होने लगा है। यहां तक कि जनचौपाल में आवेदन लेकर पहुंचने वाले कई लोगों ने सीएम से सरपंचों के चुनाव सीधे कराने की मांग भी रखी थी। रायगढ़ में नया विश्वविद्यालय भी खोला जाएगा। वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि चिटफंड कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। बिलासपुर में कंपनी ने दो लाख रूपए की राशि लौटाई है।
भूपेश मंत्रिमंडल में लिए गए अन्य निर्णय…
उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय विधेयक 2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया और यह महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के नाम पर होगा। छत्तीसगढ़ विधान मण्डल सदस्य निरर्हता निवारण (संशोधन) अधिनियम 2019 में संशोधन विधेयक छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन-रायगढ़ में नये विश्वविद्यालय की स्थापना का अनुमोदन किया गया। यह विश्वविद्यालय स्व. नंद कुमार पटेल के नाम पर होगा।
छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम (संशोधन) विधेयक 2019 छत्तीसगढ़ नगर पालिका (संशोधन) विधेयक 2019 नगरीय निकायों के द्वारा निर्मित दुकानों के आवंटन पर वार्षिक किराया का निर्धारण प्रस्ताव राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में क्षेत्रीय बंधन के साथ सरल क्रमांक 12 में सम्मिलित जाति जालारी (जालारनलु) के संबंध में।
राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में उल्लेखित क्षेत्रीय बंधन को विलोपित करने संबंधी प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पाटी जिला कोरिया को आवंटित भूमि पर अधिरोपित ब्याज राशि कम करने संबंधी प्रस्ताव आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति 2019 में 30 अक्टूबर 2019 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक में चिटफण्ड कंपनियों के संबंध में प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसमें अभिकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों के साथ ठगी की गई राशि की वापसी के संबंध में समीक्षा की गई। बिलासपुर सिविल लाइन में दर्ज प्रकरण में 2 लाख 80 हजार रुपए की राशि वापस कर दी गई है।