उज्जवला योजना को लागू कराने लोकसभा में मुद्दा उठाया अरुण साव ने
बिलासपुर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा उज्जवला योजना का अनुदान बंद किए जाने से नाराज सांसद अरुण साव ने बुधवार को इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस योजना को प्रदेश में कड़ाई से लागू करावे। ताकि निर्धन परिवारों को इसका लाभ मिल सके।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सांसद श्री साव ने कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद उज्जवला योजना की शुरुआत कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया। इस योजना को लागू किए जाने से एक तरफ जहां वृक्षों और वनों की कटाई पर रोक लगी, वहीं दूसरी तरफ माताओं-बहनों के स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ा और उनके समय की भी बचत होने लगी। श्री साव ने कहा कि पूर्व में तात्कालिन भाजपा सरकार द्वारा इस योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को गैस चूल्हे व पहली रिफलिंग के लिए 14 सौ रुपए का अनुदान दिया जाता था, किन्तु सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस योजना के लिए अनुदान जारी करना बंद कर दिया है। इसके कारण पेट्रोलियम कंपनियां इस योजना को लागू करने, अमल में लाने में हीला-हवाला कर रहीं हैं। नतीजतन पात्र हितग्राहियों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सांसद श्री साव कहा कि केन्द्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर छत्तीसगढ़ में उज्जवला योजना को कड़ाई से लागू कराए।
8 महीने से रुका अनुदान
उज्जवला योजना के तहत चूल्हे व पहली रिफलिंग के लिए 1400 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से दिए जाने वाले अनुदान को राज्य सरकार ने बीते 8 महीने से रोक रखा है। तात्कालिन भाजपा सरकार ने इस योजना के तहत खनिज न्यास संस्थान, केम्पा व श्रम विभाग के मद से 2016-17 में जिले के 73 हजार 250 परिवारों को गैस कनेक्शन देने अनुदान दिया था। इसी तरह 2017-18 में 59 हजार 623 परिवारों एवं 2018-19 में 72 हजार 163 परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया है। इसके लिए डीएमएफ से 16 करोड़ रुपए जारी किए गए थे।
मुंगेली रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में
लोकसभा में अतारांकित प्रश्न संख्या 3766 के माध्यम से सांसद श्री साव द्वारा कटघोरा-मुंगेली-डोंगरगढ़ नई रेलवे लाइन के निर्माण में हो रही देरी के सवाल पर रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा लिखित जानकारी दी गई है कि 5950.47 करोड़ रुपए लागत की 294.53 कि.मी. लंबी इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम अंतिम चरण में है। रेलवे अधिनियम के अनुसार अधिसूचनाएं जारी किए जाने के बाद आपत्तियों की सुनवाई भी की जा चुकी है। प्रारंभिक और विस्तृत डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। गलियारे के लिए भू-तकनीकी की जांच चल रही है। साथ ही प्रगति के साथ ऋण समूहन किया जा रहा है। मामूल हो कि रेल नेटवर्क से अछूते मुंगेली व कबीरधाम जिले की बहुप्रतीक्षित माँग को पूर्ण करने तात्कालिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में सीकेडीआरएल नामक विशेष प्रयोजन योजना बनाई गई थी। रेलवे व राज्य सरकार का यह संयुक्त कार्पोरेशन कटघोरा से मुंगेली के रस्ते डोंगरगढ़ तक नई रेलवे लाइन बिछाने की इस योजना पर काम कर रहा है।