स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन वेब पोर्टल किया तैयार, बच्चे घर पर रहकर करेंगे नि:शुल्क पढ़ाई, सीएम भूपेश ने किया लांच
रायपुर। कोराना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण स्कूल लंबे समय से बंद हैं। इस कारण यह आवश्यक है कि घरों में रहते हुए भी बच्चों को पढ़ने-लिखने और सीखने का अवसर प्रदान किया जाए जिससे वे लॉकडाउन और लंबे अवकाश के दौरान भी सीखना जारी रख सकें और आगे की पढ़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने एनआईसी की सहायता से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक पोर्टल तैयार किया है जिसका शुभारंभ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 7 अप्रैल को किया। यह पोर्टल सभी के लिए नि:शुल्क है तथा cgschool. in पर उपलब्ध है। इस पोर्टल में वर्तमान में कक्षा 1 से 10 तक की पढ़ाई के संसाधन उपलब्ध है। शीघ्र ही इसका विस्तार कक्षा 11 एवं 12 तक भी किया जाएगा।
इस पोर्टल का उद्देश्य केवल पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य है कि सभी बच्चों को वे पढ़ाई की वे सभी सुविधाएं ऑन लाइन उपलब्ध कराई जा सकें जो कक्षा में समक्ष में पढ़ाई के समय उपलब्ध रहती हैं। इसलिए इस पोर्टल में पाठ्य सामग्री की रूप में पीडीएफ फार्मेट में पाठ्यपुस्तकें, ऑडियो तथा वीडियो लेसन आदि तो उपलब्ध हैं ही, परन्तु इसके साथ ही अन्य बहुत सी ऐसी सुविधाएं है जो साधारणतय: केवल समक्ष में कक्षा में ही मिलती है, जैसे –
- 1. इस पोर्टल पर ज़ूम ऐप के माध्यम से ऑनलाइन इंटरएक्टिव कक्षाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें शिक्षक एवं बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियों कांफग्रेसिंग के माध्यम से जुड़ सकेंगे। इन ऑनलाइन कक्षाओं में शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे और बच्चे प्रश्न भी पूछ सकेंगे। इस प्रकार ऑन लाइन क्लास का अनुभव समक्ष में कक्षा जैसा ही होगा।
- 2. बच्चे अपनी शंकाओं का समाधान भी ऑन लाइन कर सकेंगे। इससे बच्चों को कठिन अवधारणाएं समझने में सहायता मिलेगी और शिक्षकों से शंका समाधान के व्दारा बच्चों में बेहतर समझ बन सकेगी।
- 3. बच्चों को ऑन लाइन होम वर्क भी दिया जाएगा। उसे वे घर पर ही अपनी कॉपी में हल करेंगे और अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर देंगे। इसके बाद संबंधित शिक्षक उसे ऑनलाइन जांच कर वापस विद्यार्थी को भेज देंगे। इस प्रकार विद्यार्थी घर बैठे ही अपनी कमजोरियों को समझ कर उन्हें दूर कर सकेंगे।
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी इस पोर्टल का उपयोग लगातार होता रहेगा। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों एवं विषय शिक्षकों की कमी वाली शालाओं के लिए भी यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी होगा।
इस पोर्टल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे विभाग ने बिना किसी बाहरी मदद के स्वयं तैयार किया है। इसकी प्रोग्रामिंग मैने स्वयं एनआईसी के प्रोग्रामरों के साथ मिलकर की है। इस प्रकार विभाग ने यह साफ्टवेयर बिना कोई धन राशि व्यय किए नि:श़ुल्क तैयार किया है।
विभाग को विश्वास है इस इस पोर्टल से बड़ी संख्या में विद्यार्थी लाभन्वित होंगे। इसे कल ही ट्रायल के लिए खोला गया था और ट्रायल के पहले ही दिन चालीस हजार से अधिक लोगों इस पोर्टल को विजिट किया। पहले ही दिन इसमें 2200 शिक्षकों एवं 1360 विद्यार्थियों ने पंजीयन कर लिया है तथा 219 से अधिक वीडियो एवं अन्य पाठ्य सामग्रियाँ अपलोड हो चुकी हैं।
ias अलोक शुक्ला ने कहा कि मेरा सभी शासकीय एवं निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों एवं सभी विद्यार्थियों से विनम्र अनुरोध है कि वे इस पोर्टल पर पंजीरण करके इसका लाथ उठाएं।