नई दिल्ली

7 साल की बच्ची 6 लोगों को देगी नया जीवन, गोली लगने से एम्स में हुई थी एडमिट …

नई दिल्ली। एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता ने बताया कि नोएडा के रहने वाले एक शख्स (पेशे से दर्जी) के छह बच्चों में से एक लड़की को सिर में चोट लगने के कारण बुधवार रात 11.30 बजे एम्स के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। सीटी स्कैन से पता चला कि उसके सिर के दाहिने हिस्से में एक गोली लगी थी, लेकिन माता-पिता को पता नहीं था कि उसे गोली लगी है। डॉक्टरों की बातें सुनकर उसके माता-पिता घबरा गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ शोर तो सुना था लेकिन यह यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि बेटी को गोली लगी है। उन्हें गोली लगने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

एम्स दिल्ली में इलाज करा रही सात साल की ब्रेन डेड लड़की के माता-पिता उसके अंग दान करने के लिए सहमत हो गए हैं। अंग प्रत्यारोपण में यह सात साल की बच्ची कम से कम 6 लोगों को नया जीवन देने जा रही है। बेटी के अंग प्रत्यारोपण को लेकर उसके माता पिता काफी खुश हैं। बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, शुक्रवार को उसके लीवर, किडनी और कॉर्निया और हार्ट वॉल्व की जांच की गई थी।

बच्ची के पिता हरनारायण प्रजापति ने बताया कि वह अपने दो भाई-बहनों के साथ बाहर एक खाट पर थी और हम अंदर थे। अचानक जोर की आवाज आई और उसने अपनी मां को बुलाया। हम बाहर निकले और देखा कि उसका बहुत खून बह रहा था। हमें नहीं पता था कि इसका क्या कारण है। हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि उसे गोली मारी गई है क्योंकि हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है। हम उसे कुछ डॉक्टरों के पास ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने हमें बताया कि उसे गोली मार दी गई थी। हमें नहीं पता कि क्या हुआ और क्यों।

उन्होंने कहा, “हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।” डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची के मस्तिष्क की स्थिति का आकलन करने के लिए किए गए परीक्षणों के बाद शुक्रवार सुबह 11.40 बजे लड़की को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

बच्ची के पिता ने बताया, “हमने सोचा कि अगर हम अपनी बेटी के अंगों को दान करने के लिए सहमत होते हैं तो हमारे रिश्तेदार और दोस्त क्या कहेंगे, लेकिन फिर डॉक्टरों ने हमें समझाया कि यह कैसे लोगों की जान बचाने में मदद करेगा, इसलिए हम सहमत हो हए। इसके अलावा, हमने टीवी पर अंगदान को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन देखे हैं, और जानते हैं कि यह दयालुता का कार्य है।

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