लेखक की कलम से

संस्कृति एवं साहित्य महोत्सव जश्ने-ज़बां-एडिशन-2 में मुमताज और अमन के गीतों ने बांधा समा, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में दर्शक हुए मंत्रमुग्ध…

3 दिवसीय महोत्सव में 100 कलाकरों ने दी प्रस्तुति

बिलासपुर । तीन दिवसीय संस्कृति एवं साहित्य महोत्सव जश्ने-ज़बां-एडिशन-2 के दूसरे दिन प्रथम सत्र परिचर्चा में छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए स्वयं को समर्पित कर चुके नंदकिशोर शुक्ल एवं युवा पुरुस्कार सम्मानित नितेश साहू के साथ डॉ. वैभव बेमेतरिहा ने बात की। जिसमें उन्होंने मातृभाषा के गौरव एवं महत्व पर विशेष चर्चा की।

पोएट्री विथ ब्यूरोक्रेट्स में कोंडागांव सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा, संपरीक्षा विभाग सहायक संचालक अविनाश भट्ट, नगर पालिका राजनांदगांव आशुतोष चतुर्वेदी एवं एसडीएम दशरथ राजपूत ने अपनी कविताओं, गज़लों से समा बांधकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीसरे सत्र में छत्तीसगढ़ी लोककला में आरती सिंह कृत सांस्कृतिक दल लोकचंदा व पंडवानी की उभरती कलाकारा दुर्गा साहू ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

रंगमंच पर अग्रज नाट्यदल बिलासपुर द्वारा ‘वेंटीलेटर’ के मंचन ने नगर के रंगमंच प्रेमियों को चौंका दिया, नाट्य के सामाजिक कटाक्ष को लोगों ने ख़ूब सराहा, दूसरे दिन का समापन नरिंदर पाल सिंह ‘निंदर’ एवं उनकी टीम द्वारा रंग-ए-सूफ़ी की प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसने हॉल में बैठे प्रत्येक दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। तीन दिनों में 16 सत्रों में आयोजित इस महोत्सव के अंतर्गत सौ से भी ज्यादा कलाकर मंच में अपनी प्रस्तुति दी।

तीसरे दिन युवाओं को अवसर प्रदान करने के प्रयास के रूप में टीएलएफ द्वारा ओपन माइक का आयोजन हुआ, जिसमें नगर की नई प्रतिभाओं ने प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ के लोक इतिहास पर पद्मश्री भारती बंधु एवं डॉ. गिरीश पंकज से जिनेन्द्र पारख ने चर्चा की। इस दौरान वक्ता अतिथियों ने बेहद महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

शास्त्रीय गायन व नृत्य के सत्र में शहर की प्रतिभावान गायिका श्रद्धा मंडल, खुशी चक्रवर्ती, अंशी सोनी की खूबसूरत प्रस्तुतियां हुई। क्लासिकल जुगलबंदी के सत्र में बनारस से पधार रहे युवा गायक अक्षत प्रताप सिंह व नगर के ही सितारवादक मनोज जायसवाल अपनी प्रस्तुतियां दीं। इनके साथ तबले पर रामचंद्र सर्पे व पूनम सर्पे सहयोगी रहे। तीन दिनी महोत्सव के समापन सत्र के रूप में याद-ए-बेचैन के अंतर्गत सुप्रसिद्ध शायरा मुमताज नसीम, हिंदी के सुप्रसिद्ध गीतकार अमन अक्षर, युवा कवियित्री मणिका दुबे, व अजय अटपटु ने माहौल बनाया।

इस अवसर पर विभिन्न सत्र में अतिथि के रूप में डॉ. अजय पाठक, द्वारिका अग्रवाल, विनोद दुआ, राम कुमार तिवारी, महेंद्र साहू, किशोर दुबे, वासंती वैष्णव, विप्लव चक्रवर्ती, ममता चक्रवर्ती रहीं।  इस दौरान फेस्टिवल डायरेक्टर आशीष राज सिंघानिया एवं श्रीकुमार पांडे, सुमित शर्मा, नितेश पाटकर, अनु चक्रवर्ती, जिनेन्द्र पारख, मनोज शुक्ला, हर्षराज हर्ष, शिवम सोनी, अभिषेक पांडे, हीरामणि वैष्णव, तेजराम नायक, आरती सिंह, इंद्रजीत तिवारी, सृजन पांडे, ऐश्वर्य शर्मा, ब्रेंडन डिसूजा, सुनंदा शर्मा, प्रगति शर्मा, अंशी सोनी, श्रध्दा मंडल, धीरेंद्र साहू, तेज साहू, पारसमणि शर्मा, प्रेमिश शर्मा, रिकी बिंदास, संस्कार साहू, रोशनी पटेल, शशिभूषण स्नेही एवं सम्माननीय जन उपस्थित रहे।

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