लेखक की कलम से

उम्मीद …

लक्ष्य की उड़ान ,हौसले बुलंद  हो।

हारना कभी नहीं ,  मन की गति तीव्र सी

धड़कने आक्रोश  सी ,उलझनों के शोर को

हावी होने ना देना कभी, घबराहट हो यदि

तुम ना हारना कभी, इरादे  गर नेक हो

जीत अवश्य मिलेगी, दिखादो   समाज को

तुम पर जो हँस रहे हो।

उम्मीद की किरण  दिल मे उजागर हो।

सफलता की मंजिल  पर बढते जा रहे कदम

करते रहो कोशिश , नाकामियो को हरा कर

रूकना नही कभी भी , जब तक लक्ष्य  प्राप्त  हो।

सफलता चूम ले कदम।

 

 

©आकांक्षा रूपा चचरा, कटक, ओडिसा                         

Back to top button