लेखक की कलम से

पहला …

 

पतझड़ के आरंभ में,

झड़ने वाला..

पहला पत्ता..!

होता होगा..

विहगों से होने वाले बिछोह में

वृक्ष से गिरने वाला

पहला ‘आँसू’..!!

 

ऐसे ही,

 

बसंत में, आने वाली

पहली कोंपल..

होती होगी..

बिसूर कर जाने वाले

अपनों को….

घर लौट आने का

एक विनम्र संदेश..!!

 

 

©सुनीता डी प्रसाद, नई दिल्ली      

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