लेखक की कलम से

जिंदगी के रंग …

 

 

कोई रंग भरने ,

 

जीवन में तेरे ,

 

बाहर से नहीं आएगा ।

 

 

तेरे जीवन में रंग ,

 

तो ………तेरे ही भरने से आएगा।

 

 

कोई रंग भरने ,

 

जीवन में तेरे ,

 

बाहर से नहीं आएगा ।

 

 

किस सोच में …….हो ।

 

कोई बांध के ,

 

रंगों को सारे,

 

इंद्रधनुष…..!

 

तेरे हाथ में थमा जाएगा।

 

 

जिंदगी को तेरी ,

 

रंगों से रंगीन ,

 

वह कर जाएगा ।

 

 

कोई रंग भरने ,

 

जीवन में तेरे ,

 

बाहर से नहीं आएगा ।

 

 

हकीकत के ,

 

उन बदरंग दागों से लड़।

 

तू अपनी……

 

हिम्मत से,

 

जिंदगी में रंग नये …

 

जब तक ना भर पाएगा ।

 

 

दुनिया के ,

 

रंगों के इंतजार में ,

 

बंदरंग तू हो जाएगा ।

 

 

कोई रंग भरने,

 

जीवन में तेरे,

 

बाहर से नहीं आएगा ।

 

 

तेरे जीवन में असल रंग तो ,

 

तेरे भरने से  ही आएगा ।

 

©प्रीति शर्मा, सोलन हिमाचल प्रदेश         

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