लेखक की कलम से

भारत का गौरव मीराबाई चानू …

 

है अद्भुत अतुलनीय प्रतिभा जिनकी

वह भारत की नारी है।

पानी में भी आग लगा दे वह ऐसी चिंगारी है।।

 

स्वदेश का शान बढ़ाएं वह मीराबाई चानू है।

नतमस्तक थे राष्ट्रपिता भी देश प्रेम का गौरव है।।

कर्मों से दुनिया को जीता

कर संघर्ष हरसाई है।

रजत पदक जीता स्वदेश का सम्मान बढ़ाई है।

है भारत की नारी वो संसार में तिरंगा लहराईं है।

हैं शक्ति स्वरूपा काली वह या नवचंडी बन आई है।।

 

मुश्किलों को दे चुनौती वो लक्ष्य को हासिल करती हैं।

नारी का आदर्श बनी,

वह कभी जरा नहीं डरती है।।

 

लाचारी को ठोकर मारी कभी न दुख से हारी है।

भारत माता की वह बेटी,

सकल विश्व पर भारी है।।

 

नारी भी दुनिया पर भारी,

यह उसने बतलाया है।

खुश होकर अब अमर तिरंगा,

लहर लहर लहराया है।।

 

घर ही नहीं पूरे विश्व में उसने अपनी कला दिखाई है।

मीराबाई चानू भारत माता की ही जाई है।।

 

बाधाओं को दूर किया,

और खुशियां लाई भारी है।

अद्भुत अतुलनीय प्रतिभा वाली

वह भारत की नारी है।

पानी में भी आग लगा दे वह ऐसी चिंगारी है।।”

 

©अम्बिका झा, कांदिवली मुंबई महाराष्ट्र           

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