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एक साल में चावल-दाल और प्याज को छोड़ सभी चीजें महंगी, यहां तक कि नमक भी …

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान पिछले एक साल में महंगाई की पिच पर खाद्य तेलों से लेकर आटा, दाल, दूध, चीनी, चाय और यहां तक की नमक ने भी शानदार बैटिंग की है। इनके शॉट्स इतने तगड़ थे कि आम आदमी के हाथ से किचन का बजट तक फिसल गया। मोदी सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बोल्ड करने में पूरी तरह से नाकाम रही।

महंगाई के मोर्चे पर भले ही पिछले दो महीने से फौरी राहत मिली हो पर पिछले साल की तुलना में इसकी आग बुझने के बजाय और भड़की है। हालत यह है कि पिछले साल के फरवरी के मुकाबले इस साल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक उछाल सरसों के तेल में आई है। सात फरवरी को देश में सरसों तेल की औसत कीमत 143.21 रुपये प्रति किलो थी, जो 7 फरवरी 2022 को 32.09 फीसद महंगी होकर 189.16 रुपये पर पहुंच गई। यह हम नहीं कह रहे बल्कि मोदी सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय पर दिए गए आंकड़े कह रहे हैं।

इसके बाद नंबर आता है टमाटर का। पिछले 7 फरवरी के मुकाबले इसकी औसत कीमत अब 23.49 फीसद उछल कर 28.18 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। हालांकि, इस अवधि में प्याज 14.2 फीसद सस्ता हुआ है और आलू 5.13 फीसद महंगा। खाद्य तेलों में वनस्पति 22.51 फीसद महंगा हुआ है तो सोया तेल 17.77 फीसद। सूरजमुखी तेल एक साल में 142 से 160 रुपये पर पहुंच गया। पाम तेल भी 15.66 फीसद चढ़कर 112.02 से 129.56 रुपये पर पहुंच गया।

इस अवधि के दौरान गुड़ 4.86 फीसद महंगा हुआ तो चीनी भी 4.73 फीसद। चाय पत्ती, दूध, नमक, गेहूं के भी दाम बढ़ गए। सस्ती होने वाली चीजों में अरहर दाल, उड़द, मूंग और मसूर की दाल रही। चावल भी थोड़ा सस्ता हुआ है।

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