लेखक की कलम से
मुस्कुराना हम भूल ही गए …
मुस्कुराना हम भूल ही गए,
तेरे जाने के बाद……,
लिखे गीत कितने मगर,ह
गा न सके तेरे जाने के बाद,
यादें बस बन गई जिंदगी मेरी,
टिमटिमाती दीए सी,
बुझती-जलती हो गई है जिंदगानी मेरी,
तन्हाई ही है अब कहानी मेरी,
सपनों में तेरा आना लगे,
चांदनी में हुई मुलाकात हमारी,
लगे नज्म- नज्म में तू बस गया मेरी,
हर नजारों में तू ही तू दिखे मुझे,
मुस्कुराना हम भूल ही गए,
तेरे जाने के बाद….,
कहते थे तुम कभी,
चला जाऊंगा एक दिन,
समझ न पाई थी मैं,
कितनी नादान थी मैं,
जब मुझ पर पड़ी,
तब तेरी बात याद आई मुझे,
मुस्कुराना हम भूल ही गए,
तेरे जाने के बाद………।।
©पूनम सिंह, नोएडा, उत्तरप्रदेश