लेखक की कलम से
देख लेना….
गीत
जा रही हूँ सब छोड़कर
अब लौटकर न आऊँगी
तुम आवाज देते रहना
मैं मुड़ कर भी न देखूँगी
देख लेना….
तुम सिर्फ अश्क बहाना
प्यार मेरा अब न पाओगे
निगाहे हमे खोजती रहेंगी
जिस राह पर तुम जाओगे
देख लेना……
बेहद बेपनाह इश्क मेरा
एक पल में जुदा हमसे हुआ
रहो तुम सलामत दुआ मेरी
तेरे सजदे में खुशियां रहे
देख लेना……।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर