मध्य प्रदेश

आर्थिक अनियमितता के मामलों में बिजली कंपनी की जीरो टोलरेंस नीति

गबन के आरोप में पुलिस थाना शमशाबाद विदिशा में एफआईआर की कार्रवाई

भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के विदिशा वृत्त अंतर्गत शमशाबाद वितरण केन्द्र में कार्यरत आउट सोर्स कर्मचारी अरविंद राजपूत द्वारा कृषि पंप कनेक्शन की राशि कंपनी के खाते में जमा नहीं करते हुए गबन करना प्राथमिक जांच में सही पाया गया है। कंपनी द्वारा आर्थिक अनियमितता के आरोप में राजपूत के विरूद्ध थाना शमशाबाद विदिशा में एफआईआर दर्ज की गई है।

विदिशा वृत्त के शमशाबाद वितरण केन्द्र में कार्यरत आउट सोर्स कर्मचारी श्री राजपूत को, ग्राम हरिपुर शीलखेड़ा में कृषि पंप कनेक्शन में विद्युत का उपयोग करने पर बिल की राशि ग्रामीणों द्वारा एकत्रित करके विद्युत कंपनी के खाते में जमा करने के लिए दी गई थी। यह राशि कंपनी के खाते में जमा न करते हुए श्री राजपूत ने खुद रख ली थी। इस संबंध में ग्राम हरिपुर शीलखेड़ा में 11 जनवरी को चेकिंग के दौरान ग्रामीणों द्वारा शिकायत किये जाने पर प्रकरण में जाँच के दौरान राजस्व राशि का गबन होना पाये जाने पर श्री राजपूत के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 अधिनियम की धारा 406 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने सचेत किया है कि अनफेयर तरीके से काम करने वाले कार्मिकों और आर्थिक अनियमितता एवं उपभोक्ता सेवाओं को लेकर कोताही बरतने वाले कार्मिकों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि कंपनी में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति है और सभी मैदानी अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे उपभोक्ता सेवाओं और कंपनी की उत्तरोत्तर तरक्की के लिए निरन्तर प्रयास करते रहें।

प्रबंध संचालक ने अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देश दिये हैं कि कंपनी एवं उपभोक्ता सेवा संबंधी कार्य पूरी सजगता, ईमानदारी और पारदर्शिता से करें। उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि है और उपभोक्ताओं से अन्याय एवं धोखाधड़ी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि आर्थिक अनियमितताओं और सेवाओं में लापरवाही के मामलों में सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने अपेक्षा की है कि अधिकारी-कर्मचारी कार्य निष्पादन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें और उपभोक्ताओं के हितों का हमेशा ध्यान रखें।

Back to top button