छत्तीसगढ़

भाजपा की नई कार्यकारिणी से यादव समाज नाखुश, कहा- छला गया समाज को …

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में गभग 30 लाख की आबादी वाला यादव समाज भाजपा का बड़ा वोट बैंक है। यादव समाज भाजपा को वर्षों से साथ देते आ रहा है और हिन्दू धर्म का सबसे ज्यादा कट्टरपंथी समाज माना जाता है लेकिन दुर्भाग्य कि जिस समाज के बदौलत भारतीय जनता पार्टी ने 15 साल सत्ता सुख भोगा है उसी यादव समाज को छला गया।

ज्ञात हो कि विगत 2018 के चुनाव में यादव समाज को प्राथमिकता नहीं दी गई, जिसका पूरे छत्तीसगढ़ में विरोध हुआ। साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी में भी अपेक्षाकृत सम्मान नहीं मिला लेकिन वर्तमान समय में भी यादव समाज के लोगों ने विगत विभिन्न चुनाव में सहयोग किया, लेकिन यादव समाज का दुर्भाग्य कहिए कि भाजपा में सिर्फ पदों पर बैठे उच्च समाज के लोगों ने फिर यादव समाज को चल दिया।

पूरे छत्तीसगढ़ के एकमात्र मधुसूदन यादव को छोड़ दें, एक भी जिलाध्यक्ष नहीं बनाए गए। प्रदेश कार्यकारिणी में मात्र एक राकेश यादव को लिया गया, इससे स्पष्ट है भाजपा यादव समाज को अपना वोट बैंक तो समझती है लेकिन सिर्फ और सिर्फ हम लोगों से बनिहारी कराती है। यादव समाज के बंधुओं आज समय आ गया है कि हम अपने अधिकार की लड़ाई के लिए संघर्ष हेतु तैयार रहें और आने वाले समय में इन्हें मुंहतोड़ जवाब दें।

हम जीवन भर इन्हें वोट देते रहेंगे और यह हमें चोट देते रहेंगे। इसलिए चोट खाने से अच्छा है कि हम अपने आप में संगठित हो और अपना एक स्वयं का दल बनाएं। आदिवासी नेता विष्णुदेव साय जो कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं, मात्र मोहरा हैं। आदिवासी नेता होने के कारण बेचारे सीधे-साधे पड़ते हैं। चलती किसी और की है। इसलिए इसमें कार्यकारिणी गठन का यादव समाज खुलकर विरोध करती है तथा समाज की की गई उपेक्षा कर निंदा करते हुए भर्त्सना करती है निंदा करने वालों में प्रमुख रूप से सर्व यादव समाज के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु ने कहा है कि मैं तो पहले ही कह रहा था कि हमारी सामाजिक भावनाओं को हर हमेशा ठेस पहुंचाया जा रहा है जब की 2003 के चुनाव में जोगी ने एक भी टिकट यादव समाज को नहीं दिया उसी स्थिति में यादव समाज ने बगावत कर भाजपा को सत्ता दिलाई लेकिन अपेक्षाकृत सम्मान समाज को नहीं मिला।

बिसरा राम यादव जो कि संघ के प्रांत संचालक रहे पूरा जीवन उन्होंने अपना सेवा संघ को दिया आज भी दे रहे हैं। समाज ने कहा कि उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया जाए, आज तक नहीं बनाया। क्या मधुसूदन यादव को सांसद तो बनाया गया, लेकिन बाद में उसे अब जिलाध्यक्ष बनाती है। पिछले प्रदेश कार्यकारिणी में मात्र स्वर्गीय हेमचंद यादव रहे उनके निधन के पश्चात किसी दूसरे को सम्मान नहीं दिया गया। अभी वर्तमान समय में विष्णुदेव साय नई कार्यकारिणी में भी यादव समाज की घोर उपेक्षा हुई इससे स्पष्ट है।

यादव जाति सिर्फ और सिर्फ इनका वोट बैंक बनकर रहेगा मैं इस नई कार्यकारिणी में यादों को उपेक्षा की घोर निंदा करता हूं निंदा करने वालों में प्रमुख रूप से देवनारायण यादव अंबिकापुर, लल्लन यादव बलरामपुर, तपेश्वर यादव चंद्रदेव यादव जशपुर, रामाशंकर यादव राजेश यादव सूरजपुर जिला, सुभाष यादव रेवा यादव कोरिया जिला, पंचराम यादव गांधी यादव रायगढ़ जिला, केबी यादव लक्ष्मी यादव जांजगीर जिला, देवेंद्र यादव मनीष, यादव दिनेश सरिया बिलासपुर जिला, धनीराम यादव, रामकुमार यादव मुंगेली जिला, राकेश यादव रामकुमार यादव कबीरधाम जिला, हेमकांत यादव सूरज यादव बेमेतरा जिला, सुरेश यदु पीआर यदु विजय यादव बलोदा बाजार जिला, अशोक यादव सुरेश यादव रायपुर जिला, रथ राम यादव रामखेलावन यादव महासमुंद जिला, केनू राम यादव सुशील यादव गरियाबंद जिला, घनश्याम यादव कोमल यादव धमतरी जिला ,जितेंद्र यादव बालोद जिला, मनोज यादव राजेंद्र यादव दुर्ग जिला ,,अशोक यादव महेश यादव राजनांदगांव जिला, लतेल यादव सुदामा यादव कांकेर जिला, अशोक यादव पंकज यादव नारायणपुर जिला, तीरथ यादव सोनाराम यादव कोंडागांव जिला, संतोष यादव सरोज यादव बस्तर जिला, पीलू राम यादव सुकमा जिला ,रहमान यादव विष्णु यादव दंतेवाड़ा जिला, तीरथ यादव सुरेश यादव बीजापुर जिला , दुर्गेश यादव , राजू यादव गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला है ।

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