कोरबाछत्तीसगढ़

जनजाति बाहुल्य ग्राम कारी छापर के शिक्षक संतोष कर्ष कर रहे नवाचार …

कोरबा। शासन के मंशा अनुसार तथा कोरबा जिला की जिलाधीश श्रीमती किरण कौशल एवं जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे के जिले में शिक्षा के विकास की अवधारणा को व्यवहारिक रुप से सफल बनाने में सहायक शिक्षक संतोष कुमार कर्ष लगे हुए हैं।

सुदूर ग्रामीण अंचल और जनजाति बाहुल्य ग्राम कारी छापर के शिक्षक संतोष कुमार कर्ष शिक्षा के विकास के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने देखा कि कारी छापर गांव के जनजाति समुदाय के बच्चे अभावग्रस्त जिंदगी जी रहे थे तथा शिक्षा में कोई रुचि नहीं ले रहे थे। तो उन्होंने इन समुदाय के बच्चों की शिक्षा एवं सामाजिक विकास के लिए कार्य करने का निश्चय किया।

उन्होंने सबसे पहले शाला परिवेश को आकर्षक बनाया, बच्चों को शाला की ओर खींचने के लिए तरह-तरह के नवाचार किया। शाला में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए समुदाय का सहयोग लिया। वेतन का कुछ हिस्सा बच्चों पर खर्च किया, कबाड़ से जुगाड़ करके बच्चों को शिक्षा प्रदान की। गांव के नव युवकों के साथ मिलकर शराबबंदी के लिए अभियान चलाया गया।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला, करोना महामारी काल में मुहल्ला टोला क्लास लेकर बच्चों के साथ जुड़ा रहा। शिक्षा में कठपुतली कला का प्रयोग करना आज उनकी पहचान बन गई है। जो शैक्षिक विकास में विशेष रंग ला रही है। उनके मार्गदर्शन में विद्यार्थियों का चयन गुरुकुल पेंड्रा, एकलव्य आवासीय विद्यालय छुरीकला कोरबा में चयन हुआ।

सीसीआरटी दिल्ली द्वारा आयोजित शिक्षा के कठपुतली कला पर उदयपुर राजस्थान ट्रेनिंग सेंटर में वे शामिल हुए। करोना काल में लक्ष्यवेध ऑनलाइन ट्रेनिंग में मास्टर ट्रेनर के रूप में उन्होंने कार्य किया।

व्याख्याता राकेश टंडन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा, सहायक शिक्षक श्रीकांत भारिया शासकीय प्राथमिक शाला गढ़कटरा, सहायक शिक्षिका नंदिनी राजपूत शासकीय प्राथमिक शाला नानपुलाली तथा कोरबा जिला के अन्य नवाचारी शिक्षकों की गतिविधियां उनको उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।

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