छत्तीसगढ़रायपुर

साहित्यकार महेंद्र देवांगन को साहित्यकारों ने दी काव्यांजलि …

राजिम। अंचल के जाने माने साहित्यकार एवम शिक्षक बोरसी निवासी स्व.महेंद्र देवांगन, को अंचल के सक्रिय साहित्यिक संस्था त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा के साहित्यकारों ने प्रयागराज राजिम के राधाकृष्ण मंदिर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा मे अपनी -अपनी काव्य रचना के माध्यम से श्रद्धांजलि स्वरूप काव्यांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता मकसूदन साहू बरीवाला ने किया और मुख्य अतिथि के रूप में संजय कुमार गोस्वामी शिक्षक थे। नवोदित कवि युगल किशोर साहू ने माँ शारदे की सुमधुर वंदना प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम संचालन करते हुए कवि श्रवण कुमार साहू ने कहा कि सरल, सहज एवम जिंदादिल इंसान थे, वे साहित्य एवम समाज के लिए सपर्पित कवि, होने के साथ साथ एक अच्छे शिक्षक एवम बेहतरीन इंसान थे। उनकी कविताओं में सरलता, हास्य व्यंग्य का पुट देखते ही बनता है। उनकी काव्य कृति “पुरखा के इज्जत, माटी के काया और छत्तीसगढ़ के तीज तिहार, खासे लोकप्रिय रहे हैं। जिसके लिए विभिन्न सामाजिक एवम साहित्यिक संस्थाओं द्वारा समय समय पर सम्मानित हुए हैं।

युवा कवियत्री प्रिया देवांगन ने साहित्यकार पिता महेंद्र देवांगन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए स्वागत उद्बोधन दिया और अपने भावविभोर कर देने वाली रचना से सबको द्रवित कर दिया। इसके पूर्व में उपस्थित साहित्यकारों महेंद्र देवांगन की पत्नी श्रीमती मंजू देवांगन, पुत्री प्रिया देवांगन व परिवार वालों की उपस्थिति में मंदिर प्रांगण में महेंद्र देवांगन की स्मृति में पौघरोपण किया गया। फिर सभी लोगों ने माटी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि एवम काव्यांजलि प्रस्तुत कर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर कवि मकसूदन साहू, मोहनलाल मणिकपन, कोमल सिंह साहू, डॉ रमेश सोनसायटी, किशोर निर्मलकर, रोहित कुमार साहू, संतोष कुमार साहू, केंवरा यदु,, भारत लाल साहू, नरेंद्र पार्थ, तुषार शर्मा, प्रिया देवांगन, छग्गु याश सहित उपस्थित सभी कवियों ने आजादी के अमृत उत्सव एवम अन्य समसामयिक विषयों पर उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम को ऊँचाई प्रदान किया। आभार प्रदर्शन प्रिया देवांगन ने किया।

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