मध्य प्रदेश

सेनेटरी नैपकिन में छुपाकर शातिर ठग पायल जेल में कर रही थी मोबाइल का इस्तेमाल …

इंदौर। जिला जेल में उस वक़्त हड़कंप मच गया, जब महिला वार्ड में बंद एक कैदी को मोबाइल चलाते पकड़ा गया. यह महिला कैदी कोई सामान्य कैदी नहीं, यह है शातिर ठग पायल सेमुअल उर्फ हसीना। उसके एंड्राइड मोबाइल में व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और कई अन्य ऐप्लिकेशन थीं, जिनका वह इस्तेमाल कर रही थी. महिला कैदी के पास मोबाइल कैसे पहुंचा इसकी जांच की जा रही है, जेल प्रबंधन ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है. साथ ही संयोगितागंज थाना पुलिस को भी केस दर्ज करने के लिए पत्र भेजा है.

कारागार एक्ट के तहत जेल में मोबाइल सहित अन्य वस्तुओं का उपयोग प्रतिबंधित है. बावजूद इसके हाई प्रोफाइल महिला कैदी धड़ल्ले से मोबाइल फोन चला रही थीं. पायल इंजीनयरिंग की छात्रा है, उसने आधी पढ़ाई करके पढ़ाई छोड़ दी थी. उसके पिता भोपाल की एक नामी कम्पनी में काम करते थे. पायल ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर और भोपाल में ठगी का जाल फैलाया था. वह बेहद शातिर है, तिहाड़ जेल में काफी दिनों तक बंद रही. उसके बाद भोपाल पुलिस वारंट पर लेकर पहुंची थी.

फिलहाल उसे इंदौर की जिला जेल में रखा गया. वह फिलहाल विचाराधीन कैदी है, किसी भी मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं. पायल जब जिला जेल पहुंची थी तो उसने जेल प्रबंधन ने कई अजीबो गरीब मांग की थीं. लेकिन जेल प्रबंधन ने नियम का हवाला देते हुए इंकार कर दिया था. इसमें उच्च गुणवत्ता का पानी, ब्रेड, शैम्पू और अन्य चीजें शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार वह जेल में रहकर मोबाइल के जरिए वह दिल्ली, मुंबई और इंदौर के कई गैंगस्टर के सम्पर्क में थी. पायल पर धोखाधड़ी सहित कई गंभीर अपराध दर्ज हैं. वह दिल्ली में वर्ष 2018 के आसपास गिरफ्तार हुई थी. खुद को अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनल का सीईओ बताकर धोखाधड़ी करती थी. पायल पर दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का आरोप था. उस पर मध्य प्रदेश के भी कुछ जिलों में धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं. इसमें इंदौर भी शामिल है.

भोपाल निवासी पायल इंजीनयरिंग की छात्रा है, उसने आधी पढ़ाई करके पढ़ाई छोड़ दी थी. उसके पिता भोपाल की एक नामी कम्पनी में काम करते थे. मैनिट से इंजीनियरिंग की ड्रापआउट होने के बाद उसे ऐश-ओ-आराम की जिंदगी चाहिए थी, फिर चाहे उसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े। उसने देशभर के बड़े बिजनसमैन को ठगने की सोची। इसके लिए महंगे फोन खरीदे और किराए पर लग्जरी कारें लेकर घर से निकल पड़ी।

33 वर्षीय पायल ने डेढ़ साल में भोपाल, इंदौर, मुंबई, दिल्ली, गुडग़ांव, जबलपुर समेत अन्य महानगरों के 7 कारोबारियों से सिलसिलेवार ठगी को अंजाम दिया। वह खुद को कारोबारियों से मल्टीनेशनल कंपनी और विदेश न्यूज चैनल की सीईओ बताकर ठगी करती रही। बेहद शातिर पायल ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर और भोपाल में ठगी का जाल फैलाया था. उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तिहाड़ जेल में काफी दिनों तक बंद रही. उसके बाद मप्र पुलिस तिहाड़ जेल दिल्ली से उसे प्रोटक्शन वारंट पर लेकर आई थी। फिलहाल उसे इंदौर की जिला जेल में रखा गया है. वह फिलहाल विचाराधीन कैदी है, किसी भी मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं.

पायल जब जिला जेल पहुंची थी तो उसने जेल प्रबंधन से कई अजीबो-गरीब मांग की थीं. लेकिन जेल प्रबंधन ने नियम का हवाला देते हुए इंकार कर दिया था. इसमें उच्च गुणवत्ता का पानी, ब्रेड, शैम्पू और अन्य चीजें शामिल हैं. इसके बाद पायल ने मेडिकल आधार पर इन वस्तुओं के लिए न्यायालय की शरण ली, इस पर कोर्ट ने ये सभी अपेक्षित चीजें उसे मुहैया कराने के आदेश दिए थे. वह बीते कुछ महीनों से जेल के अंदर मोबाइल फोन भी इस्तेमाल कर रही थी.

पायल जेल में सेनेटरी पेड के अंदर मोबाइल छुपाकर रखती थी. बैरक के पास लगे बोर्ड में रात के वक़्त चोरी छुपे चार्ज कर लिया करती थी. बताया जाता है कि महिला बैरक में एक महिला जेल प्रहरी ने ही मोबाइल उपलब्ध कराया था. उसकी हाल ही में पदस्थापना हुई है. उसके पिता भी पहले इसी जेल में पदस्थ थे. उनकी कोरोना में मौत हो गई थी, इसके बाद अनुकपा नियुक्ति में उसकी पोस्टिंग हुई थी. पायल के पिता ने महिला प्रहरी के खाते में डिजिटल पेमेंट किया था. उसके एवज में उसने जेल के अंदर मोबाइल पहुंचाया था.

जेल में मोबाइल मिलने के बाद जेल प्रबंधन ने जेल अधिकारी ठाकुर को इसकी जांच सौंपी गई है. इसका नेतृत्व खुद जेल अधीक्षक अलका सोनकर कर रही हैं. हालांकि इस मामले में आरोपी महिला जेल प्रहरी को अधिकारियों ने चिन्हित कर लिया है. फिर भी जेल प्रशासन औपचारिक छानबीन कर रहा है. साथ ही पूरे मामले की तकनीकी जांच के लिए संयोगितागंज थाना पुलिस को जांच सौंपी है. पुलिस कॉल डिटेल और मोबाइल की हिस्ट्री खंगाली जा रही है.

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