लखनऊ/उत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावः लखनऊ की 4 सीटें बढ़ा रहीं अखिलेश यादव की मुश्किलें, जानिए क्यों …

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का रण अब रोमांचक मोड़ में है। आकर्षक घोषणाओं के साथ सत्ताधारी भाजपा और उसे कड़ी टक्कर दे रही समाजवादी पार्टी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच खबर है कि टिकटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर पार्टी के बागियों ने ही अखिलेश यादव की मुसीबत बढ़ा दी हैं। मोहनलाल गंज, मलिहाबाद, सरोजनी नगर और बीकेटी सीट पर सपा के कद्दावर नेताओं का टिकट कट गया जिससे नाराज इन नेताओं ने निर्दलीय पर्चा भरकर सपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ये चारों सीटें लखनऊ ग्रामीण क्षेत्र में आती हैं।

लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सपा के मौजूदा विधायक अंबरीश पुष्कर का टिकट काटकर अखिलेश यादव ने सुशीला सरोज को चुनावी मैदान में उतारा है। नाराज अंबरीश ने निर्दलीय नामांकन भरकर अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अंबरीश की इस सीट पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। उन्होंने 2017 में मोदी लहर के बाद भी इस सीट पर जीत हासिल की थी।

वहीं, मलिहाबाद सीट पर सपा ने पूर्व विधायक इंदल रावत का टिकट काटकर यहां के व्यापारी सोनू कन्नौजिया को मैदान में उतारा है। इसके बाद इंदल रावत बगावत पर उतर आए हैं और उन्होंने सपा को छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था है। इंदल को कांग्रेस ने इस सीट पर उतारकर अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी है।

सरोजिनी नगर सीट की बात करें तो सपा ने यहां से तीन बार के पूर्व विधायक शारदा प्रताप शुक्ला का टिकट काट दिया और अभिषेक मिश्रा को टिकट दिया। नाराज शुक्ला ने निर्दलीय नामांकन भर दिया है। शुक्ला मुलायम सिंह के काफी करीबी माने जाते थे और पार्टी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा रहे हैं। इस सीट पर उनकी पकड़ भी काफी अच्छी रही है। देखने वाली बात ये होगी कि अखिलेश उन्हें मनाने में कामयाब होते हैं या नहीं।

उधर, बीकेटी सीट से भी सपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र यादव का टिकट काटकर गोमती यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। नाराज राजेंद्र ने भी यहां से ताल ठोकने का मन बना लिया है। अगर दोनों दिग्गज इस सीट पर चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित है कि सपा को नुकसान हो सकता है।

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