लखनऊ/उत्तरप्रदेश

जैसे ही रिश्वत के पैसे लिए तभी एंटी करप्शन टीम ने कर लिया गिरफ्तार, तहसील में मची खलबली

मैनपुरी
बैनामाशुदा जमीन की दाखिल खारिज कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहे तहसील भोगांव के प्राइवेट कर्मचारी को भ्रष्टाचार निवारण संगठन आगरा की टीम ने शुक्रवार को रिश्वत की पांच हजार धनराशि लेते समय गिरफ्तार कर लिया। टीम की कार्रवाई से तहसील में खलबली मच गई। आरोपित कर्मचारी को टीम अपने साथ ले गई है। तहसील क्षेत्र के गांव गोशलपुर गहियर निवासी पिंकी मिश्रा ने 27 दिसंबर 2022 को आधा बीघा जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम कराई थी। इस जमीन के दाखिल खारिज में विक्रेता रामदास ने आपत्ति दर्ज करा दी। तहसीलदार न्यायालय में वाद दायर होने के बाद पिंकी ने मामले के निस्तारण को लेकर अधिकारियों से कई बार मांग की।

10 दिन पहले मांगी थी रिश्वत
आरोप है कि 10 दिन पहले तहसीलदार कार्यालय में प्राइवेट बाबू के ताैर पर काम कर रहे हरीसिंह व तहसीलदार के पेशकार विपिन राजपूत ने रिश्वत की मांग की थी। मामले में पिंकी के पति गोपाल मिश्रा ने बीते एक अक्टूबर को भ्रष्टाचार निवारण संगठन आगरा में लिखित शिकायत दी।

शिकायत के बाद टीम ने निगरानी शुरू कर दी। शुक्रवार सुबह आगरा से भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम निरीक्षक संजय यादव के नेतृत्व में तहसील भाेगांव पहुंची। सुबह 11 बजे टीम ने यहां शिकायतकर्ता गोपाल मिश्रा को तहसीलदार न्यायालय में भेजा। बातचीत के दौरान प्राइवेट बाबू हरीसिंह ने दाखिल खारिज के नाम पर गोपाल मिश्रा से पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग की। गोपाल ने जैसे ही हरीसिंह को पांच हजार रुपये की धनराशि दी, तभी आगरा एंटी करप्शन की टीम ने हरीसिंह को रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम उन्हें अपने साथ विधिक कार्रवाई के लिए ले गई।

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