मध्य प्रदेश

खंडवा में अनोखी शादी : अस्पताल बना शादी गार्डन और मरीजों का वार्ड मंडप, डॉक्टर-नर्स बने घराती

शादी से पहले हादसे में घायल हुई दुल्हन, बारात लेकर हॉस्पिटल पहुंच गया दूल्हा

खंडवा। मंदिर, धर्मशाला, मैरिज गार्डन‎ और होटल-लॉज में शादी होना तो आम बात है,‎ लेकिन अस्पताल के भर्ती वार्ड में शादी शायद ही देखी या सुनी होगी। लेकिन, आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस तरह की अनोखी शादी खंडवा में हुई। जी हां, शनिवार को यहां एक निजी अस्पताल में पूरे रीति-रिवाज से विवाह की रस्में निभाई गईं। दरअसल शादी से तीन दिन पहले दुल्हन एक सड़क‎ दुर्घटना में घायल‎ हो गई थी और उसका इलाज यहीं चल रहा था। चूंकि, लगन पत्री लिख जाने से‎ शादी टल नहीं सकती थी। इसलिए वर‎ और वधू पक्ष ने आपसी सहमति से अस्पताल में‎ ही शादी करना तय किया।
दोनों पक्षों की सहमति के बाद दूल्हे और घायल दुल्हन‎ के अस्पताल में ही फेरे करवाए गए। शादी के लिए उज्जैन निवासी दूल्हा राजेंद्र चौधरी‎ खंडवा के अवस्थी चौराहा‎ स्थित एक निजी नर्सिंग होम में बारात लेकर पहुंचा। इस दौरान‎ परिजनों ने अस्पताल में ही गणेश पूजन‎ किया। दूल्हे ने घायल दुल्हन‎ शिवानी सोलंकी के साथ सात फेरे लिए और वार्ड में पलंग पर ही दुल्हन की मांग‎ भरकर वरमाला पहनाई और जीवनभर साथ निभाने का वचन‎ दिया।‎ इस अनोखी शादी में डॉक्टर,‎ नर्स और अस्पताल स्टाफ ने घराती बनकर‎ बारातियों का स्वागत किया और दोनों को‎ जीवनभर खुश रहने का आशीर्वाद दिया।‎
सड़क हादसे में दुल्हन के सीधे हाथ और पैर में आया फ्रैक्चर
अस्पताल में घायल शिवानी ने बताया कि उसकी शादी 16 फरवरी को खंडवा में दूध तलाई स्थित एक धर्मशाला में होनी थी। शादी से‎ पहले बड़वानी जिले के जुलवानिया में मामा के यहां गई थी। 13 फरवरी की सुबह बाजार में एक वाहन की टक्कर से‎ सीधा हाथ और सीधा पैर फ्रैक्चर हो गया। परिजन उसी दिन मुझे खंडवा ले आए और अस्पताल में भर्ती करा दिया, जिसके बाद यहां मेरा ऑपरेशन‎ करना पड़ा।
लगन लिख जाने के बाद शादी नहीं‎ टाली जा सकती
दूल्हे के पिता सौदानसिंह व दुल्हन के पिता सुभाष ने बताया 16‎ तारीख की शादी थी, सारी तैयारियां हो चुकी थीं। हमारे समाज में‎ लगन टीप लिख जाने के बाद शादी को टाला नहीं जाता। इसे अपशकुन माना जाता है। 16 तारीख‎ को शिवानी की हालत शादी करने जैसी नहीं थी। क्योंकि, उसके‎ फैक्चर हुए हाथ और पैर का ऑपरेशन हुआ था। ऐसे में पंडित ने‎ शिवरात्रि के दिन अबूझ मुहूर्त में शादी करने को कहा। सौदानसिंह ने‎ बताया इस कारण ज्यादा मेहमानों की बजाए गिनती के‎ बाराती लेकर आए और अस्पताल में ही शादी की सारी रस्में पूरी कीं।‎
डॉक्टर बोले- ऑपरेशन होने के‎ कारण अस्पताल में कराई शादी‎
अस्पताल के डॉक्टर सिद्धार्थ श्रीमाली ने बताया कि शादी‎ के दिन 16 फरवरी को दुल्हन का ऑपरेशन हुआ। ऐसे‎ में उस दिन शादी नहीं करा सकते थे। परिजनों ने 18‎ को अस्पताल में ही शादी करने के लिए अनुमति‎ मांगी। हमने भी शुभ कार्य के लिए अनुमति दे दी और‎ स्टाफ के साथ खुद भी शामिल हुए। डॉ. कीर्ति‎ श्रीमाली ने बताया हमने दूल्हा-दुल्हन को शुभकामनाएं‎ देकर अस्पताल में मिठाई बंटवाई।‎

Back to top button