मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गाया गाना : ‘मामा की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले’

सीएम ने बागेश्वर धाम में सामूहिक कन्या विवाह में नव-दंपत्तियों को आशीर्वाद दिया, बोले : महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम में सामूहिक कन्या विवाह में बेटियों को स्नेहिल आशीर्वाद दिया और कहा कि “मामा की दुआएँ लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले”। उन्होंने कहा कि यहाँ आकर मेरा मन आनंद से भरा हुआ है। हमारी बेटियाँ और बेटे अब सुखद दाम्पत्य जीवन जी सकेंगे। बचपन से ग्रामीण परिवेश में पल कर मुझे महसूस हुआ था कि बेटियों के विवाह की व्यवस्था बहुत कठिन होती है। गरीब परिवार, बेटी के विवाह में आर्थिक कठिनाई महसूस करते हैं इसलिए मैंने मुख्यमंत्री बनते ही मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना लागू की। आज गरीब परिवार की बेटियों का विवाह सरकार करवा रही है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

आज मध्यप्रदेश में जन्म लेने वाली बेटी लाड़ली लक्ष्मी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में जन्म लेने वाली बेटी लाड़ली लक्ष्मी है। उसे लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिल रहा है। अब राज्य सरकार ने गरीब बहनों को आर्थिक-सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिये लाड़ली बहना योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। बहनों के सशक्त होने से परिवार, प्रदेश और देश की उन्नति होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बागेश्वर बालाजी सिद्धपीठ के दर्शन भी किये और परिक्रमा की। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की और प्रदेश की तरक्की के साथ आमजन की खुशहाली, सुखी जीवन और उज्ज्वाल भविष्य की कामना की।


कर्मचारी ईमानदारी से काम करें, नेता हवाला-घोटाला, बेईमानी न करें

सीएम शिवराज ने कहा- सभी को अपना कर्म करना चाहिए। किसान अन्न का उत्पादन करें। कर्मचारी ईमानदारी से लोगों के काम करें। डॉक्टर इलाज करें। नेता हैं तो हवाला-घोटाला, बेईमानी न करें। ईमानदारी से जनता की सेवा करें। सीएम ने कहा- मैं छोटे से गांव जैत में पैदा हुआ। पढ़ा सरकारी स्कूल में। बचपन में बेटा-बेटी के बीच भेद देखते आया हूं। कई बार तो बेटियों को कोख में मार दिया जाता था, जब मन में वेदना होती थी, सोचता था, वह दिन कब आएगा जब बेटा और बेटी बराबर माने जाएंगे। मैं विधायक बना, पदयात्रा कर रहा था। एक गांव में गया तो बेटी की शादी थी। वह अनाथ थी। लोग बोले- विधायक हैं आप सरकारी सहायता दिलवा दीजिए। मैंने कहा- शादी कब है। वे बोले परसो है। मैं बोला- सरकारी सहायता में तो बरसों लग जाएंगे। इसके बाद दोस्तों की मदद से उस बेटी की शादी की। उसके बाद हमने अपने क्षेत्र की निर्धन बेटियों की शादी का क्रम शुरू किया। सीएम बनते ही सबसे पहले कोई योजना बनाई तो वह योजना थी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना।

गरीब बहनों के खाते में डाले जाएंगे 12 हजार रुपए

सीएम शिवराज ने आगे कहा-हमने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। आज मप्र में 44 लाख बेटियां लाडली लक्ष्मी हैं। महाशिवरात्रि आज है। मेरे मन में यह भाव आया है कि हमारी बहनें सशक्त होनी चाहिए। मैंने अपनी बहनों को उपहार देने के लिए मैंने लाडली बहना योजना बनाई है। साल में हमारी बहनों के खाते में 12 हजार रुपए डाले जाएंगे।

सीएम शिवराज ने सुनाया रामायण का प्रसंग

सीएम ने रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए कहा, एक बार माता सीता ने हनुमान जी को अयोध्या की सबसे कीमती माला दी। हनुमान जी ने उस मोती की माला को गौर से देखा और उसे तोड़ दिया। फिर मोतियों को एक-एक कर देखने लगे। सब आश्चर्य में थे। यह देखकर माता सीता ने पूछा- बेटा बजरंग क्या हुआ। हनुमान जी बोले- माता आप भी झूठ बोलती हैं। सीता जी ने कहा- मैंने क्या झूठ बोला। आपने तो कहा- यह अयोध्या की सबसे कीमती माला है। उन्होंने कहा- हां। इस पर हनुमानजी बोले- आप फिर झूठ बोल रही हैं। हनुमान जी बोले- मेरे लिए तो कीमती वह है, जिसमें मेरे राम और माता सीता रहते हों। इस पर दरबार से आवाज आई क्या आप उसी से प्यार करते हो, जिसमें भगवान राम और माता सीता रहती हैं। हनुमान बोले- हां। इस पर वे बोले- शरीर से तो प्यार करते हो, बताओ आपके शरीर में कहां हैं भगवान। इस पर उन्होंने सीना चीरकर दिखा दिया।

शास्त्री बोले- हम किसी पार्टी से नहीं, न ही हम किसी का महिमा मंडन नहीं कर रहे

हम किसी पार्टी से नहीं हैं। ऐसा कुछ हो तो अपने दिमाग से निकाल देना। हम तो बजरंगबली पार्टी से हैं। सीएम ने हमसे कहा- गुरुजी हमने एक ऐसी योजना अभी शुरू की है, जिसमें हम हर महीने बहनों के खाते में 1 हजार रुपए डाले जाएंगे। हमने सबकी तरफ से कह दिया, थैंक्यू वैरी मच माई डियर। बहुत अच्छा। हम इनकी महिमा मंडन नहीं कर रहे हैं, लेकिन आपने पूरे भारत देश को एक नई लाइन दी है, मुख्यमंत्री कन्या योजना। यह मप्र से ही शुरू हुई है। इसे दूसरे प्रदेशों ने भी फॉलो किया। कोई ऐसा काम करे तो धन्यवाद और आशीर्वाद का पात्र तो वह है ही। आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि 125 जोड़ों के सामूहिक विवाह का यह क्षण अद्भुत और अलौकिक है। इस विवाह समारोह का साक्षी मुख्यमंत्री श्री चौहान, वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सांसद वीडी शर्मा, देशभर से आये सनातन सारस्वत धर्मगुरू, वर-वधु के माता-पिता और विशाल जन-समूह बना है। आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गरीब परिवार की बेटी के विवाह में होने वाली कठिनाइयों को समझा और उनके विवाह के लिये योजना क्रियान्वित की।

बड़े दिलवाले होते हैं, जिनके घर बेटियां होती हैं : पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, मुख्यमंत्री के आने से मानो पूरा मप्र यहां शामिल हो गया हाे। बड़े दिलवाले होते हैं, जिनके घर बेटियां होती हैं। बेटियां गरीब और भिखमंगों के घर नहीं होती हैं। बेटियों के विवाह पर जोर इसलिए देता हूं, क्योंकि मैंने अपनी बहन के विवाह के दौरान बहुत भोगा है। कितना कष्ट होता है, जब घर पर धन नहीं हो। मैंने ऐसी परिस्थिति देखी है। बालाजी ने चाहा तो भारत में किसी के भाई के लिए उसकी बहन बोझ नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम में कैंसर का अस्पताल खोला जायेगा। आज के सामूहिक विवाह-समारोह में शामिल 125 वर-वधु में से 58 के माता-पिता नहीं थे, दो दिव्यांग वर-वधु थे। इन सभी का विवाह वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उत्साह और धूमधाम से हुआ।

बागेश्वर धाम में 121 जोड़ों ने लिए सात फेरे

छतरपुर के गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर सामूहिक विवाह सम्मेलन में 125 जोड़ों ने सात फेरे लिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कूनो से सीधे बागेश्वर धाम पहुंचे। उनकी मौजूदगी में सभी जोड़ों ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली। सीएम ने मंच से आशीर्वाद दिया। विदाई के समय पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी बेटियों को उपहार में गृहस्थी का सामान भेंट किया। सामूहिक विवाह सम्मेलन को लेकर बागेश्वर धाम को फूलों से सजाया गया था। पंडाल में 125 जोड़ों के लिए अलग-अलग मंडप बनाए गए थे। भीड़ इतनी की धाम में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भीड़ को देखते हुए‎ वर और वधु पक्ष के आने के लिए अलग रास्ता तैयार किया गया था। सुबह 7 बजे से वर-वधु परिवारवालों के साथ खजुराहो‎ होते हुए ग्राम कोंड़े मार्ग से बागेश्वर धाम‎ पहुंचना शुरू हो गए थे। दुल्हन के लिबास में 121 लड़कियां पहले मंडप पर पहुंची। कुछ देर बाद बैंड बाजे के साथ दूल्हों ने भी विवाह स्थल पर कदम रखा।

दूल्हा-दुल्हन को दिए गए थे पहले से नंबर

सामूहिक सम्मेलन में शादी कराने आए दूल्हा-दुल्हन को पहले से नंबर दे दिए गए थे। ऐसे में सभी अपने-अपने नंबर के अनुसार मंडप में आकर खड़े हो गए। सुबह 10 बजे से विवाह की रस्में शुरू हुईं। मंच पर नेता-अभिनेता, साधु-संत मौजूद थे। दोपहर ढाई बजे के करीब सीएम भी मंच पर पहुंचे। सीएम सभी से मिले और फिर उन्होंने बेटियों को संबोधित किया। इसके बाद सभी अपने-अपने मंडप पर पहुंचे और फिर फेरे लिए। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ मंच पर एक्टर गोविंद नामदेव और सुमन के साथ ही साधु-संतों ने भी शिकरत की। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के वकील ने सीएम शिवराज से बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल बनाने के लिए 500 एकड़ जमीन की मांग की। इसके लिए उन्होंने सीएम को एक मांग पत्र भी सौंपा।

दंपत्तियों को शालिग्राम और रामचरित मानस भेंट किए गए

मुख्यमंत्री श्री चौहान, संत और आचार्यों ने नव-दंपत्तियों को शालिग्राम और रामचरित मानस की भेंट दी। बागेश्वर धाम समिति की ओर से टी.व्ही., फ्रिज, कूलर, सोफा, सोने-चाँदी के आभूषण सहित 70 सामग्री उपहार में दी गई।

ट्रांसजेंडर ने भी बेटियों को उपहार में दी साड़ी

विवाह समारोह में ट्रांसजेंडर ने भी आशीर्वाद के साथ सभी बेटियों को 5-5 साड़ियाँ उपहार में देकर समाज को बेटियों का सम्मान करने का संदेश दिया।

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